साइबर क्राइम के मामले तेज से बढ़ रहे हैं। (सांकेतिक तस्वीर)
विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। गुरुग्राम जिले में साइबर ठगी का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस साल गुरुग्राम के लोगों से अब तक करीब दो सौ करोड़ की ठगी की जा चुकी है। यह ठगी देश और देश के बाहर बैठे साइबर सिंडिकेट द्वारा की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब तक साइबर ठगी की 26 हजार से ज्यादा शिकायतें विभिन्न थानों में पहुंची हैं। इनकी जांच करते हुए साइबर पुलिस ने 1117 केस दर्ज कर 16 सौ से ज्यादा आरोपितों को धर दबोचा है। साइबर ठगी के अपराधों के प्रतिदिन बढ़ते आंकड़े अत्यंत गंभीर विषय है। इस पर काबू पाने व अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने की जरूरत है।
गुरुग्राम में हर दिन साइबर ठगी की सौ शिकायतें
जिले में हर दिन साइबर ठगी की औसतन सौ शिकायतें विभिन्न थानों और ऑनलाइन माध्यम से दर्ज कराई जा रही हैं।पहले साइबर ठगी के लिए बदनाम रहे नूंह इलाके से इसकी कमी आई तो अब विदेश से ठगी के आंकड़े बढ़ने लगे हैं।
ज्यादातर बड़ी ठगी के मामले अब विदेश में बैठे साइबर ठग अंजाम दे रहे हैं। हालांकि, इसको लेकर भी साइबर पुलिस सतर्क है। पुलिस ने विदेश में बैठकर साइबर ठगी करने वाले छह एक्टिव ठगों को भी बीते महीनों में भारत आने के बाद गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की थी।
इस दौरान यह भी पता चला था कि कंबोडिया, चीन और दुबई में संचालित हो रहे सैंकड़ों काल सेंटर से हजारों लोग भारतीय नागरिकों समेत विश्वभर के लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
साइबर ठगी के 2024 के आंकड़े
विवरण कुल 2025 के आंकड़े (अब तक)
कुल शिकायतें
40,051
26,000 लगभग
केस दर्ज
1358
1117
गिरफ्तारी
1868
1600 से ज्यादा
ठगी की रकम
3,87,96,21,884
200 करोड़ लगभग
इस साल साइबर थानों में दर्ज केस
क्षेत्र संख्या
पूर्वी
270
मानेसर
254
दक्षिण
256
पश्चिम
337
बीते चार सालों में साइबर ठगी के आकड़े
वर्ष शिकायतें ठगी रिकवरी गिरफ्तारी
2021
11282
6.82 करोड़
6.49 करोड़
131
2022
17913
109 करोड़
4.79 करोड़
335
2023
32755
210 करोड़
25 करोड़
654
2024
40,051
387 करोड़
40.75 करोड़
1868
धोखाधड़ी से बचाव के उपाय
- संदिग्ध ईमेल और मैसेज से सावधान रहें, अज्ञात लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें।
- पासवर्ड को मजबूत और अद्वितीय रखें।
- सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क पर संवेदनशील जानकारी न भेजें।
- साइबर सुरक्षा साफ्टवेयर का उपयोग करें जो आपके डिवाइस को मैलवेयर और अन्य साइबर खतरों से बचाता है।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे कि पता, फोन नंबर और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें।
- सोशल मीडिया पर संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
- ऑनलाइन लेनदेन के दौरान क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जानकारी साझा न करें।
इन तरीकों से हो रही ठगी
- ईमेल व सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर जानकार लोगों से पैसे मांगना।
- फर्जी वेबसाइटें बनाकर, जहां से वे लोगों से पैसे लेते हैं, लेकिन कोई सामान नहीं भेजते।
- ऑनलाइन खरीदारी के नाम पर लोगों से पैसे ठगना
- एपीके फाइल भेजकर मोबाइल फोन हैक कर पैसे निकाला
- स्टाक मार्केट में पैसे निवेश के नाम पर फर्जी एप के माध्यम से ठगी
- पुलिस अधिकारी बनकर गिरफ्तारी का डर दिखाकर
- ऑनलाइन सेक्सटार्शन के माध्यम से
- क्रेडिट कार्ड और बैंक अधिकारी बनकर सहायता के नाम पर
- बिजली, पानी या अन्य बिल भरने के नाम पर
- विदेशी युवती होने का बहाना बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर
साइबर ठगी के बुधवार को आए मामले
केस एक
क्रेडिट कंपनी का एजेंट बताकर कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर युवक से 2 लाख 62 हजार रुपये की ठगी की गई। बसई एन्क्लेव में रहने वाले देवेंद्र सिंह ने बुधवार को साइबर थाना पश्चिम में केस दर्ज कराया।
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कहा कि उनके पास अंजान नंबर से फोन आया था। ठगों ने वाट्सएप पर पीएनबी वन एपीके फाइल भेजी और मोबाइल में डाउनलोड कराकर ओटीपी भरने के लिए कहा। इसके बाद उनके खाते से रुपये कट गए।
केस दो
ठगों ने इंस्टाग्राम पर युवक की फर्जी आईडी बनाकर उसके जानकारों से रुपये मांगे। सेक्टर 86 में रहने वाले हर्ष पांडे ने मानेसर साइबर थाने में बुधवार को शिकायत दी।
उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें पैसे मांगने की जानकारी दी थी। इस पर उन्हें इसके बारे में पता चला। किसी ने उनके नाम से आइडी बना रखी थी और फोटो भी लगा रखी थी।
केस तीन
साइबर ठगों के गिरोह ने एक व्यक्ति से जालसाजी कर पांच लाख 62 हजार रुपये ठग लिए। उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के माध्यम से ये रुपये जमा कराए।
सेक्टर 95 आनंदा सोसाइटी में रहने वाले सोमवीर सिंह ने मंगलवार को मानेसर साइबर थाने में शिकायत दी थी। गिरोह में शामिल एक युवती ने फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर सोमवीर को फंसाया था। इसके बाद उनसे ठगी की गई।
साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए नियमित रूप से विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जाता है। साथ ही उन्हें साइबर अपराध होने पर तुरंत अपनी शिकायत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराने के बारे में जानकारी दी जाती है। लोगों के जागरूक होने से उनके साथ साइबर ठगी की वारदात नहीं हो पाएगी और यदि साइबर ठगी हो गई है तो 1930 पर काल कर उस ठगी को निष्क्रिय भी करा सकते हैं।
-प्रियांशु दीवान, एसीपी, साइबर क्राइम |