सेना के वाहन ने बीएड की छात्रा को कुचला, मौत
जागरण संवाददाता, मेरठ। माल रोड के पास स्थित सप्लाई डिपो के सामने सेना के वाहन ने स्कूटी सवार बीएड की छात्रा को कुचल दिया। वह सप्लाई डिपो में ड्यूटी कर रही मां को लेने के लिए गई थी। हादसे के बाद मां के शोर मचाने पर सेना के जवान पहुंचे और घायल छात्रा को जसवंत राय अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मूलरूप से बुलंदशहर के थाना जहांगीराबाद गांव उदयपुर निवासी सुरेश चंद्र सेना में सिपाही थे। दिल्ली में तैनाती के दौरान हादसे में 12 साल पहले उनकी मौत हो गईं थी। उनकी पत्नी राजेश देवी को मृतक आश्रित कोटे में पति के स्थान पर सप्लाई डिपो में नौकरी मिल गई थी। राजेश अपनी जुड़वा बेटी प्रियंका और पिहू के साथ एमईएस क्वार्टर, क्वार्टर लाइंस थाना सिविल लाइंस में रहती हैं।
20 साल की प्रियंका आरजीपीजी कालेज से बीएड की पढ़ाई कर रही थीं। प्रियंका कभी-कभी अपनी मां को लेने सप्लाई डिपो आती थी। बुधवार दोपहर एक बजे भी प्रियंका मां को लेने स्कूटी पर आई थी। प्रियंका सप्लाई डिपो के गेट के सामने सड़क पर ही स्कूटी रोककर अपनी मां का इंतजार कर रही थी। मां सप्लाई डिपो के गेट से बाहर निकल रही थी।Aaj ka Panchang, 25 September ka Panchang , aaj ka Shubh Muhurat, today hindi panchang, shubh aur ashubh muhurat 25 September, panchang 2025, hindu tyohar panchang, hindi panchang 2025, aaj ka panchang , horoscope 2025, आज का पंचांग मुहूर्त, Aaj ka Panchang in hindi, aaj ka panchang in hindi 2025 today, aaj ki tithi , aaj ki tithi kya hai, aaj ka shubh muhurt, aaj ki tithi kya hai hai
लालकुर्ती थाना प्रभारी हरेंद्र जादौन ने बताया कि तभी अचानक तेजगति से सेना के वाहन ने प्रियंका की स्कूटी को पीछे से टक्कर मार दी। हादसा देख राजेश ने शोर मचा दिया। इसके बाद भी टक्कर मारने वाला वाहन नहीं रुका। तत्काल छात्रा को जसवंत राय अस्पताल ले जाया गया। डाक्टरों ने छात्रा को उपचार के दौरान मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है। घटना के बाद सेना के वाहन के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
\“मौजूद होते हुए भी बेटी को नहीं बचा सकी\“
मां ने अपनी आंखों से पूरा घटनाक्रम देखा, उन्हें पछतावा है कि वह वहां मौजूद होते हुए भी अपनी बेटी को नहीं बचा सकीं। खून से लथपथ बेटी को देख मां खूब रोईं। उनका कहना था कि अच्छा होता कि आटो में बैठकर ही रोजाना की तरह घर पर चली जातीं। हादसे के बाद सेना के जवान महिला को उनके घर ले गए। |