फरीदाबाद में बाजरा और धान की सरकारी खरीद शुरू हो गई है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़। किसान अभी भी अपनी बाजरा और पीआर धान की फसल मंडी में नहीं ला रहे हैं। इसलिए दोनों फसलों की सरकारी खरीद अभी शुरू नहीं हो पाई है। दो किसान ऑनलाइन पंजीकरण कराने के बाद अपने धान के रकबे का सत्यापन कराने मंडी पहुंचे। उनके रकबे में गड़बड़ी पाई गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
किसानों ने मार्केट कमेटी के अधिकारियों से शिकायत की है। मंगलवार को मंडियों में बाजरे की सरकारी खरीद शुरू हो गई। इस साल सरकार ने बाजरे का समर्थन मूल्य 2775 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि पिछले साल यह 2625 रुपये प्रति क्विंटल था।
सरकार ने बाजरे के समर्थन मूल्य में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। बाजरे की खरीद हैफेड एजेंसी करेगी। इसी तरह, धान की सरकारी खरीद भी मंडी में शुरू हो गई है। किसान न तो बाजरा लेकर आए हैं और न ही धान।
बताया जा रहा है कि लगातार और देरी से हो रही बारिश के कारण कई खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है, जिससे अनाज पकने के बाद भी गीला है।
सरकार मंडी में केवल उन्हीं किसानों से समर्थन मूल्य पर फसल खरीद रही है जिन्होंने “मेरी फसल-मेरा ब्यौरा“ पोर्टल पर अपनी फसल का पंजीकरण कराया है। जिन किसानों ने अपनी धान की पीआर (प्लांटेशन रिकॉर्ड) दर्ज कराई थी, वे अपने रकबे का सत्यापन कराने मंडी आए थे।
भनकपुर के किसान बिशंबर रावत और कृपाल रावत के रकबे के पंजीकरण में त्रुटि पाई गई (भू-अभिलेखों में धान की जगह बाजरा और ज्वार दर्ज था)।srinagar-state,Srinagar news,CRPF women bikers,Pangong Lake expedition,National unity,Central Reserve Police Force,High altitude expedition,Jammu and Kashmir news,Indian security forces,Srinagar,Bike expedition,Jammu and Kashmir news
मेरी पीआर धान की फसल पक गई है, लेकिन खेतों में पानी भरा होने के कारण दाने में नमी है। इसलिए, मैं अभी तक फसल नहीं लाया हूँ। मैं यह जाँचने आया था कि रकबा पंजीकरण सही है या नहीं, लेकिन यहाँ ऑनलाइन रिकॉर्ड में त्रुटि दिखाई दे रही है।
- बिशंबर, भनकपुर
दोनों किसानों ने मुझे रकबे में हुई गड़बड़ी के बारे में बताया है। मैंने एसडीएम मयंक भारद्वाज को भी इस बारे में सूचित कर दिया है। दोनों किसानों के रिकॉर्ड का जल्द ही जिला राजस्व अधिकारी से मिलान किया जाएगा। दोनों किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी।
फसलों की सरकारी खरीद के लिए ज़िम्मेदार एजेंसियों के अधिकारी पहुँच गए हैं, लेकिन किसानों द्वारा अपनी फसल न लाने के कारण सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई है।
-इंद्रपाल सिंह, सचिव एवं कार्यकारी अधिकारी, मार्केट कमेटी, बल्लभगढ़ |