H-1B वीजा फीस पर ट्रंप के फैसले से बढ़ेंगी मरीजों की मुश्किलें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ट्रंप प्रशासन की एच-1बी वीजा की फीस में भारी वृद्धि करने की योजना अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा समूहों की चिंता का विषय बन रही है। उनका कहना है कि इस कदम से स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों की कमी और बढ़ सकती है क्योंकि आधे से ज्यादा कर्मचारी अगले साल नौकरी बदलने पर विचार कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि 1,00,000 डॉलर जितनी ज्यादा फीस से अंतरराष्ट्रीय डाक्टरों की आपूर्ति बुरी तरह बाधित हो सकती है। 2036 तक अमेरिका में 86,000 तक डॉक्टरों की कमी हो सकती है। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग उन नीतिगत बदलावों की समीक्षा कर रहा है जिनसे एच-1बी वीजा के लिए आवेदन करने की लागत मौजूदा अधिकतम 4,500 डॉलर से बढ़कर 1,00,000 डालर हो जाएगी।
H-1B वीजा फीस बढ़ने से होगी डॉक्टरों की भारी कमी
एच-1बी कार्यक्रम अमेरिकी नियोक्ताओं को प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और शिक्षा जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र द्वारा इन वीजा का व्यापक रूप से अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा स्नातकों या विदेश में प्रशिक्षित डाक्टरों और अन्य पेशेवरों की भर्ती के लिए उपयोग किया जाता है।
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अमेरिकन एकेडमी आफ फैमिली फिजिशियन ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय मेडिकल स्नातकों की संख्या प्रैक्टिस करने वाले फैमिली डाक्टरों के पांचवें हिस्से से भी ज्यादा है और उनके ग्रामीण इलाकों में सेवा देने की संभावना भी असमान रूप से ज्यादा है।
डॉक्टरों की आपूर्ति बुरी तरह बाधित होने की चेतावनी
डॉक्टरों की संख्या पर वीजा शुल्क वृद्धि का प्रभाव अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा विभाग के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025 में सभी क्षेत्रों में लगभग 4,42,000 विशिष्ट एच-1बी वीजा लाभार्थी थे। इनमें से 5,640 आवेदनों को अकेले स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक सहायता उद्योग में ही मंजूरी दी गई। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि 1,00,000 डॉलर जितनी ज्यादा फीस से अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरों की आपूर्ति बुरी तरह बाधित हो सकती है।
मरीजों को इलाज के लिए करना होगा लंबा इंतजार
एसोसिएशन अध्यक्ष बाबी मुक्कामाला ने कहा, \“\“अमेरिका पहले से ही डाक्टरों की कमी से जूझ रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय मेडिकल स्नातकों के लिए यहां प्रशिक्षण और प्रैक्टिस करना मुश्किल हो रहा है। इसका मतलब है कि मरीजों को लंबा इंतजार करना होगा और इलाज के लिए दूर तक जाना होगा।\“\“
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