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ईरान में बंधक बनाकर पाकिस्तानी एजेंट ने मांगी रंगदारी, 12 लाख रुपये लेकर छोड़ा। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, कैथल। एक युवक को स्पेन भेजने के नाम पर ईरान में बंधक बनाकर पाकिस्तानी एजेंट ने रंगदारी मांगी है। एजेंट ने 12 लाख रुपये लेने के बाद युवक को छोड़ दिया था। हवाला के जरिए रंगदारी की राशि ली गई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके लिए दस रुपये का नोट भेजा गया था। राजौंद निवासी अंकित की शिकायत पर आरोपित कुलदीप सिंह, उत्तरप्रदेश निवासी प्रिंस, पाकिस्तानी एजेंट मोसा, इटली निवासी मिट्ठू और उत्तरप्रदेश निवासी मोहन प्रताप सिंह के विरुद्ध राजौंद थाना में केस दर्ज किया गया है।
शिकायत में बताया कि वह अक्टूबर 2023 में अर्मेनिया गया था। वहां से सितंबर 2024 में वापस भारत आ गया था। अर्मेनिया रहते हुए उसकी जान पहचान मोहन प्रताप से हो गई थी। मार्च 2025 में मोहन प्रताप और वह मौरिसिस चले गए थे, लेकिन वहां से उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया था।
इसके बाद मोहन प्रताप ने उसका स्पेन का वीजा लगवाने की बात कही थी। अगस्त 2025 में वह दिल्ली में मोहन प्रताप सहित अन्य आरोपितों से मिला था। उसके रिश्तेदार रोहतक निवासी सुधीर को भी साथ में जाना था। दोनों को स्पेन भेजने के नाम पर 17 लाख रुपये मांगे गए थे।
वह, सुधीर, मोहन प्रताप और एक रुड़की निवासी विनय चारों को स्पेन जाना था। चार सितंबर को वे सभी जयपुर से तेहरान चले गए थे। तेहरान से उन्हें ईरान छायाबार एयरपोर्ट पर ले गए थे। वहां एक मकान में चारों को बंधक बना लिया था। उनके 3200 अमेरिकी डालर भी छीन लिए थे।
12 लाख रुपये में तय हुई थी बात
शिकायत में बताया कि 11 सितंबर को उनके पास पाकिस्तानी एजेंट मोसा आया था। उसने मारपीट की और परिवार के लोगों से 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई। उसके जीजा रवि के पास फोन करके कहा कि अगर इन्हें जिंदा देखना है तो पैसे दे दो। एजेंट ने उसके जीजा के पास वीडियो काल की और 12 लाख रुपये में बात तय हो गई थी।
जालंधर पंजाब में हवाला के जरिए 12 लाख रुपये दे दिए गए थे। इसके लिए एक दस रुपये का नोट भेजा गया था। पैसे लेने के बाद उसे 19 सितंबर को वापस भारत भेज दिया गया था। आरोपित मोहन प्रताप सहित अन्य एजेंटों ने मिलकर उसके साथ ठगी की है। |
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