जागरण संवाददाता, बांदा। समय पर ऋण अदायगी न कर पाने और दो साल पूर्व हुए एनपीए (नान-परफार्मिंग एसेट) हुए 20 हजार खाताधारकों को नोटिस भेजी गई है। इन पर 402 करोड़ रुपये का बकाया है। इनमें व्यापारी व किसान शामिल हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इनके लिए बैंकों की ओर से वन टाइम सेटलमेंट योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत व्यापारी व आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को ऋण की अदायगी पर 70 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी, जिससे व्यापारी व किसानों को ऋण अदायगी में राहत मिलेगी।
जनपद में बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक समेत सरकारी व निजी 17 बैंक संचालित हैं, इनकी करीब एक सैकड़ा शाखाएं हैं। बैंकों की ओर से जनपद में 2,32,500 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी किए गए हैं, जिसके माध्यम से कृषि कार्य के लिए 2,906 करोड़ रुपये वितरित किया गया है।
किसानों को चार प्रतिशत की वार्षिक दर पर ऋण दिया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष 2025-26 में बैंकों की ओर से अब तक 74,069 केसीसी का नवीकरण कर 1,023 करोड़ रुपये ऋण वितरित किया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड धारकों में भी एनपीए की संख्या लगातार बढ़ रही है।
बैंक आंकड़ों पर गौर करें तो 20,821 किसानों के केसीसी खाते एनपीए हो गए हैं। इन पर 402 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है। इनमें से बैंकों ने 20 हजार एनपीए खाताधारकों को नोटिस भेजी है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, मुद्रा लोन योजना के 6305 एनपीए खाताधारकों को भी नोटिस भेजी गई है, इनके भी खाते दो साल पूर्व एनपीए हो गए थे।
इसमें लोक अदालत में यह मामले निपटाए जा सकते हैं। इसके लिए न्यायालय की ओर से भी समाधान के लिए नोटिस भेजा गया है। 13 दिसंबर तक इस योजना में शामिल होकर लाभ ले सकते हैं।
20 हजार एनपीए खाताधारकों पर 402 करोड़ रुपये का बकाया है। अब इन सभी खाताधारकों को बकाया ऋण निपटाने का अवसर दिया गया है। बैंकों ने एनपीए (नान-परफार्मिंग एसेट) के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना की शुरुआत की है, जिसमें मय ब्याज बकाया पर 40 प्रतिशत तक छूट मिलेगी। इसके लिए व्यापारियों व किसानों को आयोजित वृहद लोक अदालत में आवेदन करना अनिवार्य होगा। इसके उपरांत बैंकों की ओर से लाभांवित किया जाएगा।
रवि शंकर, एलडीएम |