शामली के मुहल्ला दयानंद नगर में खाली प्लाट में पड़ी झोपड़ी में जांच को पहुंची पुलिस।
जागरण संवाददाता, शाामली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर जिले में रोहिंग्या, बांग्लादेशियों के साथ ही संदिग्ध लोगों की तलाश में पुलिस-खुफिया विभाग लगा हुआ है।
शामली पुलिस ने अभी तक 210 झुग्गियों का सत्यापन पूरा कर लिया है, और जांच जारी है। फिलहाल जिले में कोई भी संदिग्ध या फिर रोहिंग्या, बांग्लादेशी नहीं मिला है। गौरतलब है कि जिले में आठ साल पहले चार रोहिंग्या पकड़े गए थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पाकिस्तान से हथियार तस्करी, जाली करेंसी, खालिस्तानी समर्थक और आईएसआई कनेक्शन से जिले के कई लोगों का नाम जुड़ने के कारण शामली 32 सालों से संवेदनशील श्रेणी में है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोहिंग्या, बांग्लादेशी और संदिग्ध लोगों की तलाश करने के आदेश दिए थे।
जिले में एसपी एनपी सिंह के निर्देश पर अभियान की शुरुआत कर दी गई थी। सभी थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में अलर्ट पर हैं, और एक सप्ताह से तलाश चल रही है। शामली कोतवाली, कैराना, कांधला, झिंझाना और थानाभवन क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में अभी तक 210 की झुग्गियों की जांच जा चुकी है।
हालांकि अभी तक कोई भी संदिग्ध व्यक्ति नहीं मिला है। एसपी ने बताया कि बीट सिपाही से लेकर खुफिया विभाग और थाना प्रभारियों को अलर्ट किया गया है। पूरे जिले में सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
साल 2018 में पकड़े गए थे चार रोहिंग्या, फर्जी आइडी हुई थी बरामद
साल 2018 में तत्कालीन एसपी अजय कुमार पांडेय के समय में खुफिया विभाग और थानाभवन पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में चार रोहिंग्या समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आरोपित नाम बदलकर जिले में निवास कर रहे थे। आरोपितों के पास से नकली पासपोर्ट भी बरामद किया गया था।
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बांग्लादेशी यासीन का 10 साल बाद भी नहीं लगा सुराग
वर्ष 2015 में थानाभवन में बांग्लादेशी यासीन पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन करने के दौरान सामने आया था। पुलिस की जांच शुरू होते ही वह चकमा देकर रातों रात परिवार समेत लापता हो गया था। उसने थानाभवन में रहते हुए पहचान पत्र, बैंक में खाता भी खुलवा लिया था।
उसके बारे में जांच-पड़ताल में पुलिस और खुफिया विभाग ने कार्रवाई की, लेकिन काफी प्रयासों के बाद भी दोनों ही टीम लापता यासीन को आज तक तलाश नहीं कर पाई। थक हारकर इस मामले में 15 जून 2015 को यासीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
चूंकि यासीन को बांग्लादेशी बताया जा रहा था, लेकिन अधिकारियों ने उसके रोहिंग्या होने से भी इनकार नहीं किया था। तब से आज तक आरोपित यासिन का कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस फिर से यासीन और उसके परिवार के लोगों की तलाश कर रही है।
अभी तक कोई संदिग्ध, रोहिंग्या या फिर बांग्लादेशी जिले में नहीं मिला है। सभी थाना प्रभारियों और खुफिया विभाग को अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रतिदिन की रिपोर्ट ली जा रही है। अभी तक 200 से अधिक झुग्गियों की जांच कराई जा चुकी है।
एनपी सिंह, पुलिस अधीक्षक |