झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव। (फाइल फोटो)
राजीव/अरविंद, जागरण। झारखंड की उपराजधानी दुमका के हंसडीहा में केंद्र सरकार की राशि और सीसीएल के CSR फंड से करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल इस समय बड़े राजनीतिक विवाद के केंद्र में है।
अस्पताल के अंदर लगे कीमती उपकरणों व सामग्रियों की बड़ी चोरी सामने आने के बाद सूबे की कांग्रेस राजनीति में ही भूचाल आ गया है। झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता (CLP) प्रदीप यादव और राज्य सरकार में कांग्रेस कोटे के स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी के बीच तीखी तकरार खुलकर सामने आ गई है। यह विवाद सिर्फ सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल नहीं खड़ा करता, बल्कि कांग्रेस के भीतर बढ़ती असहमति को भी उजागर करता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सदन में ‘चोरी’ का मुद्दा उठते ही कांग्रेस में छिड़ा संग्राम
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार को यह मामला उस समय गर्मा गया, जब कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े विषय पर ध्यान आकर्षण प्रस्ताव के दौरान हंसडीहा अस्पताल में हुई चोरी की घटना उठाई।
उन्होंने सदन में दावा किया कि अस्पताल में लगी कीमती मशीनों, उपकरणों और अन्य सामग्रियों की लगभग 25 करोड़ रुपये के आसपास चोरी हुई है। उन्होंने बताया कि अस्पताल अभी तक आम जनता के लिए शुरू नहीं हुआ, लेकिन इस बीच बड़े पैमाने पर मशीनें गायब कर दी गईं।
प्रदीप यादव ने विभाग के उत्तर पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अगर 300 करोड़ की परियोजना से करोड़ों की मशीनें गायब हो जाएं तो यह साधारण बात नहीं है। उन्होंने पूरे प्रकरण की गंभीर जांच कराने और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। स्पीकर ने प्रदीप यादव की इस अपील को स्वीकार करते हुए इसे सदन के संज्ञान में लाने की अनुमति दी।
प्रदीप पर भड़के मंत्री इरफान , साबित करने की दी चुनाैती
सदन के भीतर उठे आरोपों के बाद स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी तीखे तेवर में नजर आए। विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने प्रदीप यादव पर सीधा हमला बोलते हुए कहा- चोरी हुई है, लेकिन उतनी नहीं जितनी बात कही जा रही है। लगभग एक करोड़ रुपये की सामग्री गायब है। प्रदीप यादव 25 करोड़ की चोरी का दावा कर रहे हैं, तो या तो वह इसका प्रमाण दें, नहीं तो माफी मांगें।
इरफान अंसारी ने कहा कि प्रदीप यादव कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं, ऐसे में उन्हें विभागीय मंत्री को पहले जानकारी देनी चाहिए थी। उनके अनुसार इस प्रकार का बड़ा आरोप लगाने से स्वास्थ्य विभाग की छवि खराब होती है और सरकार को अनावश्यक कटघरे में खड़ा किया जाता है।
थानेदार के पास थी चाबी, कस्टोडियन सिर्फ एक लिपिक
इस अस्पताल को लेकर सुरक्षा संबंधी सवाल भी गंभीर हैं। दुमका के सिविल सर्जन डॉ. कमलेश्वर प्रसाद ने कई चौंकाने वाली बातें सामने रखीं- अस्पताल के मुख्य द्वार की चाबी हंसडीहा थाना प्रभारी के पास रहती है। अस्पताल की निगरानी का जिम्मा सरैयाहाट CHC के एक लिपिक विपिन कुमार सिंह पर है। अस्पताल अभी तक आधिकारिक रूप से मरीजों के लिए शुरू नहीं किया गया था। चुनाव के दौरान इसका उपयोग CRPF कैंप के रूप में किया गया। फिलहाल इसके परिसर में पुलिस द्वारा जब्त वाहनों को रखा जाता है।
एसपी ने किया औचक निरीक्षण, SIT गठन के संकेत
अस्पताल में हुई करोड़ों की चोरी की खबर सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन भी हरकत में आ गया है। सोमवार को दुमका के पुलिस अधीक्षक पीतांबर सिंह खेरवार ने अचानक अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने- वार्ड, स्टोर रूम, ऑक्सीजन प्लांट, उपकरण कक्ष, का बारीकी से जायजा लिया। अधिकारियों से पूरी जानकारी लेने के बाद एसपी ने संकेत दिए कि यदि आवश्यक हुआ तो मामले की जांच के लिए SIT का गठन भी किया जा सकता है।
बिजली काटने के दाैरान खुली चोरी की पोल
एक और हैरान करने वाला तथ्य यह है कि अस्पताल परिसर का 500 किलोवाट का ट्रांसफार्मर ही चोरी हो गया था। 1 नवंबर को हंसडीहा थाना में ट्रांसफार्मर चोरी की FIR दर्ज की गई थी। लेकिन असली खुलासा तब हुआ, जब बिजली विभाग की टीम बकाया बिल नहीं चुकाने पर अस्पताल की स्थायी बिजली काटने पहुंची। टीम जब परिसर में दाखिल हुई तो उन्हें पता चला कि-जिस ट्रांसफार्मर की बिजली काटनी थी, वह तो पहले से ही गायब है।
तकनीकी टीम ने कब्जे में लिए अहम साक्ष्य
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट सीताराम विश्वकर्मा और सुखदेव महतो, साथ ही तकनीकी सेल की विशेष टीम को मौके पर भेजा। टीम ने-अस्पताल परिसर को सुरक्षा घेराबंदी में लेकर स्टोर रूम और अंदरूनी दरवाजों से फिंगरप्रिंट लिए। कई तकनीकी साक्ष्य एवं इलेक्ट्रॉनिक सुरागों को कब्जे में लिया। जांच एजेंसियां मान रही हैं कि चोरी लंबे समय में चरणबद्ध तरीके से हुई है, क्योंकि अस्पताल कई महीनों से बिना निगरानी के खड़ा था।
विपक्ष के मजे ही मजे
बहरहाल, इस घटना को लेकर झारखंड में प्रतिपक्ष भारतीय जनता पार्टी को सत्ताधारी झामुमो-कांग्रेस गठबंधन को घेरने के लिए एक मुद्दा हाथ लग गया है। भाजपा नेता पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भानू प्रताप शाही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर तंज कसने का कोई माैका हाथ जे जाने नहीं देते हैं। उन्होंने एक बार फिर अपने खास अंदाज में पूछा है- इरफान जी... आपकी पार्टी और आपके विभाग में क्या हो रहा है? |