सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने भुवनेश्वर में ओडिशा पुलिस सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती घोटाले के सिलसिले में दो और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इनमें भुवनेश्वर स्पेशल सिक्योरिटी बटालियन के जवान अर्जुन नायक और दलाल निमाई चरण साहू शामिल हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सूत्रों के अनुसार, दोनों आरोपियों को दो दिनों की पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया। निमाई को पहले से गिरफ्तार किए गए दलाल बिरंची नायक का करीबी सहयोगी बताया गया है, जो फिलहाल सीबीआइ रिमांड में है। तीनों संदिग्धों की व्यापक स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें आगे की पूछताछ के लिए सीबीआइ कार्यालय भुवनेश्वर लाया गया।
मुख्य आरोपियों से गहन पूछताछ
रिपोर्ट्स के अनुसार, सीबीआइ अर्जुन नायक और निमाई चरण साहू से लेन-देन की कड़ी, और भर्ती अनियमितताओं को अंजाम देने में उनकी भूमिका का पता लगाने के लिए गहन पूछताछ कर रही है।
निमाई को बिरंची नायक का विश्वस्त साथी माना जाता है, जिसे इस घोटाले का प्रमुख चेहरा बताया जा रहा है। एजेंसी एसआइ भर्ती प्रक्रिया में हेराफेरी के बड़े नेटवर्क और उसके तरीक़े का खुलासा करने के लिए आमने-सामने पूछताछ कर रही है।
जांच में तेजी
ये गिरफ्तारियां ओडिशा के सबसे बड़े भर्ती घोटालों में से एक में बड़ा घटनाक्रम मानी जा रही हैं। इससे पहले क्राइम ब्रांच इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। बिरंची नायक और दो नई गिरफ्तारियों के साथ, सीबीआई की हिरासत में कुल आरोपियों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। दिघा मॉडल सेंटर के प्रभार में रहे अरबिंद दास को भी परीक्षा से संबंधित अनियमितताओं में उनकी भूमिका को लेकर दो दिन की सीबीआइ रिमांड पर भेजा गया है।
वरिष्ठ अधिकारियों पर सीबीआई की नजर
सूत्रों के मुताबिक, ओडिशा पुलिस भर्ती बोर्ड (ओपीआरबी) के चार अधिकारियों, जिनमें एक डीएसपी रैंक का अधिकारी भी शामिल है, सीबीआइ की जांच के दायरे में हैं।
जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इन अधिकारियों ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को किस हद तक मदद पहुंचाई और किस प्रकार दलालों से मिलीभगत की।
बिरंची नायक को इस घोटाले के कथित मास्टरमाइंड शंकर पृस्टी का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है। कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियों के साथ, यह जांच राज्य के हालिया इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण भर्ती घोटालों में से एक बन गई है। |