स्टारलिंक ने भारत के लिए जारी किए प्लान।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एलन मस्क की स्टारलिंक ने भारत में ब्रॉडबैंड और इंटरनेट के रेट जारी कर दिए हैं। मस्क के इस कदम को कर्शियल लॉन्च की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है। कीमतों का खुलासा होते ही स्टारलिंक की भारत में शुरुआत हो गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कंपनी ने भारत के दूर दराज इलाकों, जहां इंटरनेट कम आता है, वहां भी अपनी सर्विस देने की बात कही है। इसमें लोगों को मिलने वाला अनलिमिटेड डेटा 99.9 प्रतिशत तक सही काम करेगा। साथ ही किसी भी मौसम में बिना रुके तेज स्पीड का इंटरनेट देगा।
हर महीने लगेंगे कितने रुपये?
अपडेटेड पेज पर आम लोगों के लिए महीने में 8,600 रुपये के चार्ज दिखाए गए हैं। ग्राहकों को एक बार में 34,000 रुपये का हार्डवेयर किट भी खरीदना होगा। इस प्लान में अनलिमिटेड डेटा और 30 दिन का ट्रायल पीरियड मिलता है, ताकि नए यूजर्स को यह टेस्ट करने के लिए काफी समय मिल सके कि उनके एरिया में सर्विस कैसी काम करती है।
वेबसाइट पर रेसिडेंशियल पैकेज के लिए कई फीचर्स बताए गए हैं, जिनमें प्लग-एंड-प्ले सेटअप, 99.9 परसेंट से ज्यादा अपटाइम, मौसम का असर न होना और कोई डेटा लिमिट नहीं शामिल हैं। हालांकि कंज्यूमर-फोकस्ड प्लान की पूरी कीमत अब सामने आ गई है, लेकिन स्टारलिंक ने अभी तक यह नहीं बताया है कि वह बिजनेस टियर के लिए कितना चार्ज करेगा।
ग्रामीण इलाकों तक पहुंचना स्टारलिंक का टारगेट
अक्टूबर में स्टारलिंक के इंडिया मार्केट एक्सेस डायरेक्टर पर्णिल उर्ध्वरेशे ने कहा कि स्टारलिंक के ग्लोबल यूजर बेस का बहुत बड़ा हिस्सा ग्रामीण इलाकों के रेजिडेंशियल कस्टमर्स का है और इनमें से बहुत बड़ी संख्या में यूजर्स के लिए स्टारलिंक हाई-क्वालिटी ब्रॉडबैंड तक पहुंचने का पहला असली जरिया था। उन्होंने कहा, “इसलिए, उन ग्रामीण यूजर्स को सर्विस देना स्टारलिंक के मिशन के लिए बहुत जरूरी है।“
उसी महीने, स्टारलिंक ने भारत में अपनी शुरुआती हायरिंग भी शुरू की, जिससे यह संकेत मिला कि कंपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेक्टर में और विस्तार की तैयारी कर रही है।
अब तक, टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट ने तीन कंपनियों को सैटेलाइट कम्युनिकेशन सर्विस के साथ आगे बढ़ने की इजाजत दी है। स्टारलिंक के साथ-साथ, भारती ग्रुप समर्थित यूटेलसैट वनवेब और जियो की सैटेलाइट शाखा को जरूरी मंजूरी मिल गई है। ये तीनों अभी भी कमर्शियल रोलआउट शुरू करने से पहले स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट का इंतजार कर रही हैं।
गेटवे अर्थ स्टेशन लगाने की चल रही तैयारी
नवंबर में महाराष्ट्र सरकार ने एलन मस्क की कंपनी के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की और ऐसा करने वाला यह पहला राज्य बन गया जिसने औपचारिक रूप से अमेरिकी ऑपरेटर के साथ समझौता किया। स्टारलिंक सैटेलाइट से जमीन पर संचार के लिए चंडीगढ़, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और नोएडा में गेटवे अर्थ स्टेशन लगाने की तैयारी कर रही है।
ये रिले इंस्टॉलेशन भारत के अलग-अलग इलाकों में कम लेटेंसी वाले कनेक्शन और सर्विस रिलायबिलिटी बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। ये गेटवे स्टेशन स्पेसएक्स सैटेलाइट और धरती पर मौजूद रिसीवर्स के बीच कनेक्शन स्थापित करने का काम करेंगे।
यह भी पढ़ें: स्टारलिंक को लेकर भारत के लिए क्या है मस्क का प्लान? घनी आबादी वाले इलाकों को लेकर बताई ये मुश्किल |