जागरण संवाददाता, अलीगढ़। मथुरा रोड स्थित प्लांट पर जमा लगभग 10 लाख टन कूड़ा का पहाड़ शहरवासियों के लिए मुसीबत बना हुआ है। सिर्फ मथुरा रोड ही नहीं बल्कि आस-पास के क्षेत्रों जैसे जयगंज, सासनी गेट, पंचनगरी, आगरा रोड, आवास-विकास कालाेनी आदि की लगभग 50 हजार से अधिक आबादी इसकी दुर्गंध से परेशान है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
10 अगस्त 2025 को इसके विरोध में सड़क जाम कर प्रदर्शन भी किया गया था। प्रदर्शन करने वालों पर मुकदमा भी पंजीकृत हुआ। तब नगर निगम ने तत्कालीन कार्यदायी संस्था ए-टू-जेड पर कार्रवाई की थी। मगर कूड़ा का पहाड़ अभी भी जस का तस है।
अब इस लीगेसी वेस्ट (पुराने कचरा) की सड़ांध सिर्फ शहरवासियों को ही नहीं परेशान कर रही है, बल्कि सीएम योगी आदित्यनाथ को भी चिंता में डाल रही है। इसीलिए रविवार को कलक्ट्रेट में बैठक के दौरान उन्होंनें इस कूड़ा के पहाड़ को जल्द हटवाने के लिए डीएम को निर्देश दिए हैं।
सबसे अधिक समस्या तब होती है जब कूड़ा गीला होता है। बरसात में शहरवासी दुर्गंध की समस्या से परेशान रहते हैं। अब ठंड के मौसम में रात में ओस गिरती है, इससे कूड़ा से फिर बदबू उठनी शुरू हो गई है। इस वर्ष दो बार कूड़ा में आग लगने की घटना भी हो चुकी है। इसके धुएं ने भी लोगों के लिए समस्या खड़ी कर दी थी।
वर्ष 2011 में मथुरा रोड स्थित जगह पर कूड़ा निस्तारण के लिए नगर निगम ने ए-टू-जेड से करार किया था। तब संस्था ने 220 टन कूड़ा प्रतिदिन निस्तारित करने का प्लांट लगाया था। उस समय भी यहां कूड़ा का पहाड़ जमा हुआ था। मगर समय बीतने व आबादी बढ़ने के साथ शहर से कूड़ा निकलने की मात्रा बढ़ती गई।
मगर निस्तारण के लिए 220 टन का प्लांट ही उपलब्ध था। वर्तमान में शहर से 550 टन कूड़ा प्रतिदिन निकल रहा है। मगर सितंबर 2025 तक कार्यदायी संस्था मात्र 80 से 100 टन ही कूड़ा निस्तारित कर रही थी। अधिकारियों के निरीक्षण में ये बात सामने आई थी।
ऐसे में ये कूड़ा का पहाड़ बढ़ता गया। छह लाख टन से इसका आकार 10 लाख टन तक पहुंच गया। अब नगर निगम ने ए-टू-जेड से करार समाप्त कर दिया है। 10 अगस्त को सड़क जाम कर किए गए विरोध-प्रदर्शन में इस प्लांट को शहर के बाहर करने की मांग भी उठाई गई थी।
छेरत में नए प्लांट के लिए जगह, निस्तारण पर काम
नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि नगर निगम ने 10 लाख टन लीगेसी वेस्ट को निस्तारित कराने के लिए नोएडा की इकोस्टन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से करार किया है। यह कंपनी मथुरा रोड स्थित प्लांट में अपनी दो बड़ी मशीनें लगाकर कूड़ा को निस्तारित करने का काम चार से छह दिनों में शुरू कर देगी।
अभी ट्रायल किया जा रहा है। इसके अलावा छेरत में 20 एकड़ जमीन पर अपना बड़ा प्लांट भी लगाएगी। 20 एकड़ जमीन नगर निगम काे उपलब्ध हो गई है। बताया कि तहसील स्तर से भी अप्रूवल हो गया है। 15 महीनों में लीगेसी वेस्ट खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। नया प्लांट 700 टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण वाला होगा। 25 वर्ष तक का करार किया गया है। प्लांट की क्षमता का विस्तार भी कंपनी जरूरत होने पर करेगी।
नगर विकास मंत्री से की थी शिकायत
मथुरा रोड पर कूड़े के ढेर काे लेकर आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष संजीव कौशिक ने नगर विकास मंत्री व मुख्य सचिव से शिकायत की थी। कलक्ट्रेट पर धरना भी दिया था। पिछले 10 वर्ष में कूड़े से कितनी ईंट व कितना कोयला बना? इसकी जानकारी मांगी थी, लेकिन जानकारी नहीं दी गई है। अब अपील भी कर दी है। इसके अलावा कूड़े के ढेर को लेकर मथुरा रोड पर किए गए विरोध-प्रदर्शन का समर्थन भी किया था।
सीएम ने डीएम से पूछा, कब हटेगा कूड़े का पहाड़
एसआइआर की समीक्षा बैठक समाप्त करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीधे प्रशासनिक चुनौतियों की जमीनी स्थिति जानने में जुट गए। कलक्ट्रेट सभागार से बाहर निकलते ही डीएम कार्यालय में एडीजी जोन अनुपमा कुलश्रेष्ठ, मंडलायुक्त संगीता सिंह, डीएम संजीव रंजन व एसएसपी नीरज जादौन के साथ बैठक की।
इसमें उन्होंने बातचीत की शुरुआत शहर की सफाई व्यवस्था से की। मुख्यमंत्री ने डीएम से पूछा कि शहर में कूड़े का पहाड़ कब हटेगा? इस पर डीएम ने बताया कि पहले के मुकाबले अब शहर में सफाई की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है। कूड़े के निस्तारण के लिए प्रक्रिया तेज की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि कूड़ा हटाने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी लगभग पूर्ण हो गई है। जल्द ही यह ढेर खत्म हो जाएगा। नगर निगम व प्रशासन शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर है। इसके बाद सीएम ने सीएम ग्रिड योजना की सड़कों के निर्माण व मरम्मत की प्रगति की भी विस्तृत जानकारी ली।
उन्होंने निर्देश दिए कि जिन मार्गों पर कार्य धीमा चल रहा है, उन्हें प्राथमिकता देते हुए समयबद्ध योजना के तहत पूरा किया जाए। शहर की सड़कों को बेहतर बनाना पहली प्राथमिकता है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था काे लेकर बातचीत की। उन्होंने एडीजी जोन से सुरक्षा स्थिति, अपराध नियंत्रण, संवेदनशील इलाकों की जानकारियां मांगी। |