वाराणसी में किशोर क्रिकेटरों से कुकर्म का आरोपित कोच पकड़ा गया तो वह पुलिस के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी: भेलूपुर पुलिस ने क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ कुकर्म करने वाले कोच को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक किशोर खिलाड़ी के परिजनों ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। गिरफ्तारी के समय आरोपित कोच पुलिस के सामने रोते-गिड़गिड़ाते नजर आया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उल्लेखनीय है कि वह पहले भी किशोर के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म के आरोप में जेल जा चुका है। एसीपी भेलूपुर गौरव कुमार ने बताया कि मुरारी लाल उर्फ गौतम गोड़, जो मूलरूप से जंसा थाना के मीरावन का निवासी है, सीर गोवर्धनपुर में बच्चों को क्रिकेट सिखाता था।
आरोपित कोच ने अपनी बेहतर जान-पहचान का हवाला देते हुए प्रमुख क्रिकेट टीमों में खिलाड़ियों का चयन कराने का दावा किया। भेलूपुर थाना क्षेत्र में 14 और 15 साल के दो किशोर उसके पास क्रिकेट सीखने के लिए आते थे। कोच ने किशोरों को उत्तर प्रदेश की अंडर-14 क्रिकेट टीम में चयन कराने का झांसा दिया।
पहले किशोर का मेडिकल चेकअप करने के बहाने उसने उसके साथ कुकर्म किया। इसके बाद दूसरे किशोर के साथ लगातार तीन दिन तक कुकर्म करता रहा, जिसके कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई। एक किशोर को उसकी मां ने अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों की जांच में किशोर ने अपनी आपबीती सुनाई।
किशोर के परिजनों ने कोच के खिलाफ पाक्सो एक्ट के तहत भेलूपुर थाना में मुकदमा दर्ज कराया। भेलूपुर थाना प्रभारी सुधीर कुमार त्रिपाठी, चौकी प्रभारी दुर्गाकुंड विकास कुमार मिश्रा, सब इंस्पेक्टर लवकुश यादव, कांस्टेबल सुमित साही, सूरज कुमार भारती, सचिन और अखिलेश गिरी की टीम ने आरोपित कोच को गिरफ्तार किया।
एसीपी के अनुसार, आरोपित कोच ने वर्ष 2021 में भी ऐसी ही हरकत की थी। उस समय उसने केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन कराने का झांसा देकर ठगी की और किशोर के साथ कुकर्म के आरोप में लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
आरोपित कोच की गलत हरकतों के कारण उसकी पत्नी ने उससे तलाक ले लिया था। वह हमेशा किशोरों को अपना निशाना बनाता था। इस घटना ने न केवल खेल जगत को बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
इस मामले ने यह भी उजागर किया है कि बच्चों को खेलों में प्रशिक्षित करने वाले कोचों की चयन प्रक्रिया में अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। समाज को ऐसे मामलों में जागरूक रहना चाहिए और बच्चों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
इस प्रकार की घटनाएं न केवल पीड़ितों के लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी गंभीर मानसिक आघात का कारण बनती हैं। इसलिए, समाज को एकजुट होकर ऐसे अपराधों के खिलाफ खड़ा होना होगा। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। |
|