कई लोग निवेश की शुरुआत तो बड़े जोश के साथ करते हैं लेकिन कुछ साल बाद निराश होकर सबकुछ छोड़ देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पोर्टफोलियो में उन्हें कोई खास बढ़त दिखाई ही नहीं देती। लोग सोचने लगते हैं कि SIP, ये इंतजार सब बेकार है। जबकि यही यही फ्लैट वाला फेज एक टर्निंग पॉइंट होता है, जहां से असली वृद्धि की शुरुआत होती है। वहीं ज्यादातर लोग निवेश छोड़ देते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कहां निवेशकों का धैर्य टूटता है
निवेश का शुरुआती सफर बेहद धीमा होता है। मान लीजिए आप ₹5,000 या ₹10,000 की SIP कर रहे हैं, पर कुल निवेश में बढ़ोतरी मामूली लगती है। यहां तक कि शुरुआती कुछ सालों तक आपके पोर्टफोलियो में आपके खुद के योगदान का हिस्सा ज्यादा होता है, रिटर्न का हिस्सा बहुत कम।
यही वह समय है जब कई लोग विश्वास खो देते हैं। उन्हें लगता है कि कंपाउंडिंग तुरंत जादू दिखाएगी, जबकि असल में यह सिर्फ बुनियाद रखने का समय है। यह धीमी रफ्तार बिल्कुल सामान्य है।
कब आपका पैसा चुपचाप गियर बदलता है?
जब आप कुछ साल लगे रहते हैं और एक समय ऐसा आता है तब आपकी कमाई या रिटर्न आपके पोर्टफोलियो को बड़ा बनाना शुरू कर देती है। अब 10-12% रिटर्न, पहले की तुलना में, काफी बड़े अमाउंट में बदलने लगता है।
अब आपकी वैल्यू में बढ़ोतरी ₹1,000-2,000 नहीं, बल्कि उससे कहीं ज्यादा होने लगती है। यही वह क्षण है जब कंपाउंडिंग किताबों वाली थ्योरी से बाहर आकर हकीकत बन जाती है।
7 साल में क्या फर्क पड़ता है?
ज्यादातर लोग 7 साल या इस स्टेज तक ठहरते ही नहीं। मान लीजिए कि आपने 10,000 रुपये की मंथली SIP की और 12% रिटर्न पाया तो यह
3 साल में यह ₹4.3 लाख बने वहीं 5 साल में ₹8.2 लाख बने
7 साल में ₹13.1 लाख और 10 साल ₹23 लाख बने और 15 साल में ₹50 लाख बने
यानी पहले 7 साल में आप ₹12-13 लाख पर पहुंचते हैं और अगले 7-8 साल में यह लगभग चार गुना हो जाता है! यही वजह है कि 7 साल का समय निवेश के लिए बड़ा बदलाव माना जाता है।
लोग 3-6 साल में क्यों छोड़ देते हैं निवेश?
पहले कुछ साल इतने धीमे लगते हैं कि बहुत से लोग अपनी SIP रोक देते हैं या कम कर देते हैं। उन्हें लगता है कि ये तो कहीं पहुंच ही नहीं रहा? लेकिन असल में, यही वह दौर होता है जब छोड़ना सबसे बड़ी गलती है।
सात साल बाद पैसा बढ़ता नहीं, गुणा होता है
7 साल के बाद कंपाउंडिंग असली शक्ति दिखाना शुरू करती है। जो पैसा धीरे-धीरे बढ़ रहा था, अब तेजी से ऊपर जाता है। वहीं ₹10,000 की SIP, जिसे 13.2 लाख बनने में 7 साल लगे, अगले सिर्फ 8 साल में आपको 37 लाख रुपये से अतिरिक्त बना सकती है।
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(डिस्क्लेमर: यहां म्यूचअल फंड को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।) |