पाकिस्तान में बंद नहीं हो रहा हिंदुओं पर अत्याचार। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में हिंदुओं, ईसाइयों और अहमदिया का व्यवस्थित रूप से उत्पीड़न हो रहा है। रिपोर्ट में देश भर में जबरन धर्मांतरण और ईशनिंदा से संबंधित हिंसा में खतरनाक वृद्धि की निंदा की गई है। यह बात हाल ही में पाकिस्तान के बारे में जारी अपडेट में उजागर किया गया है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) का हवाला दिया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रबवाह टाइम्स के अनुसार, पाकिस्तान की दंड संहिता अहमदियों के साथ खुलेआम भेदभाव करती है। उन्हें मुसलमान के रूप में पहचान करने या सार्वजनिक रूप से अपने धर्म का पालन करने से रोकती है। यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट में 2025 में अहमदियों के खिलाफ हिंसा में चिंताजनक वृद्धि का उल्लेख किया गया है।
हिंदू और ईसाई लड़कियों का किया जा रहा जबरन धर्मांतरण
वहीं, सिंध और पंजाब में हिंदू और ईसाई लड़कियों का जबरन धर्मांतरण जारी है, जिसमें अक्सर अपहरण और जबरन शादी शामिल होती है। कानूनी सुधार इस्लामाबाद तक ही सीमित हैं, जहां रूढ़िवादी धार्मिक निकाय नए कानूनों को गैर-इस्लामी बताकर खारिज कर रहे हैं।
यूएससीआईआरएफ के निष्कर्षों ने पाकिस्तान के कठोर ईशनिंदा कानूनों की भी निंदा की है, जिनके तहत सैकड़ों लोग जेल में बंद हैं। रबवाह टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इसने इन कानूनों को निरस्त करने, जबरन धर्मांतरण को समाप्त करने और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए और अधिक सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान किया है।
ढाबे पर खाना खाने पर हिंदू युवक की पिटाई, 60 हजार रुपये लूटे
सिंध के कोटड़ी में ढाबे पर खाना खाने पर हिंदू युवक की बेरहमी से पिटाई की गई। पीड़ित की पहचान दोलत बागरी के रूप में हुई है। वह दोपहर का भोजन करने के लिए एक ढाबे पर रुका था। होटल मालिक और कई अन्य लोगों ने उसकी उपस्थिति पर आपत्ति जताई। समूह ने दोलत के हाथ-पैर रस्सी से बांध दिए, उसे बेरहमी से पीटा और 60,000 रुपये लूट लिए।
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)
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