यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय महत्व के योजना का कार्यान्वयन वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से किया जा रहा है। इस कड़ी में वृहत पारिभाषिक शब्द-संग्रह इंजीनियरिंग (अंग्रेजी-हिंदी) के प्रथम भाग के लगभग 1500 शब्दावली का मैथिली पर्याय विकसित किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
विकसित शब्दावली की समीक्षा के लिए बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में पांच दिवसीय कार्यशाला होगी। इसके लिए विशेषज्ञ सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन विश्वविद्यालय मैथिली विभाग के तत्वावधान में मंगलवार से 12 अक्टूबर तक होगी।  
 
  
 
उक्त जानकारी विश्वविद्यालय मैथिली विभाग के डा. इंदुधर झा ने दी। बताया कि वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की ओर से डा. एपीजे अब्दुल कलाम वीमेंस इंस्टिट्यूट आफ़ टेक्नोलाजी दरभंगा में वहत् पारिभाषिक शब्द-संग्रह इंजीनियरिंग (अंग्रेजी-हिंदी) का अंग्रेजी-हिंदी-मैथिली संस्करण का निर्माण के लिए विशेषज्ञ सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन पूर्व में किया जा चुका है।  
 
पारिभाषिक शब्द-संग्रह इंजीनियरिंग (अंग्रेजी-हिंदी) के प्रथम भाग के लगभग 1500 शब्दावली का मैथिली पर्याय विकसित किया गया है। अब समीक्षा बैठक में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग उच्चतर शिक्षा विभाग के परियोजना निदेशक दीपक कुमार, समन्वय अधिकारी सुमित कुमार भारती बैठक का संचालन करेंगे। मैथिली एवं इंजीनियरिंग के 12-12 विशेषज्ञों को इस कार्यशाला सह बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रण किया गया है।  
 
  
 
बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. डीसी राय करेंगे। वहीं इसमें एलएनएमयू दरभंगा के कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी भी शामिल होंगे। वृहत् पारिभाषिक शब्द-संग्रह इंजीनियरिंग (अंग्रेजी-हिंदी) के द्वितीय भाग के मैथिली पर्याय के निर्माण के लिए शीघ्र बैठक होगी।  
 
संविधान के अष्टम सूची में शामिल 22 भारतीय भाषाओं में शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए मैथिली के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं में भी इस वृहत् पारिभाषिक शब्द-संग्रह इंजीनियरिंग निर्माण योजना पर कार्य किया जा रहा है। |