सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी के नाम पर तीन शहरों में अस्पताल रजिस्टर्ड (प्रतीकात्मक फोटो)  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। सरकार की तमाम सख्ती के बाद भी निजी अस्पतालों के पंजीकरण में खूब खेल हो रहा है। एक-एक चिकित्सक के प्रमाणपत्र कई-कई निजी अस्पताल के पंजीकरण कराने में प्रयोग हो रहे हैं। अब सेवानिवृत्त चिकित्साधिकारी के प्रमाणपत्रों पर तीन जिलों के निजी अस्पताल पंजीकृत करने का मामला प्रकाश में आया है। इसमें एक अस्पताल बुलंदशहर का भी है। इस पर सीएमओ ने जांच करने के निर्देश दिए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
मेरठ निवासी ओमप्रकाश पुत्र राकेश कुमार के नाम से पिछले महीने स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और जिलाधिकारी बुलंदशहर, हापुड़ और मेरठ को मेल पर एक शिकायत भेजी गई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि मुजफ्फरनगर जिले के जिला अस्पताल में तैनात रहे चिकित्सा अधीक्षक मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर के निजी अस्पतालों में सेवा दे रहे हैं। यह सेवा भी पूर्ण कालिक है ना की अंशकालिक। जबकि नियमानुसार एक चिकित्सक एक अस्पताल में या फिर एक शहर या जिले के दो अस्पताल में सेवाएं दे सकते हैं।   
 
  
 
सीएमओ डा. सुनील कुमार दोहरे ने बताया कि एनएस केयर हास्पिटल मेरठ, आयुषी हेल्थ केयर हास्पिटल बुलंदशहर और नवजीवन नर्सिंग होम हापुड़ में एक चिकित्सक द्वारा सेवाएं देने की शिकायत हुई है। अस्पताल के रजिस्ट्रेशन में चिकित्सक की तरफ से शपथपत्र दिया जाता है। नियमानुसार एक शहर में दो अस्पताल एक चिकित्सक के प्रमाणपत्र लगा सकते हैं। दो जिलों में तब, जबकि दूरी 50 किलोमीटर तक हो। बुलंदशहर में आयुषी हेल्थ केयर हास्पिटल में प्रमाणपत्र लगे होने की शिकायत हुई है। अन्य जिलों की जानकारी नहीं है। डिप्टी सीएमओ डा. हरेंद्र सिंह बंसल को मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। |