12 नवंबर को चक्रधरपुर मंडल के आदित्यपुर स्टेशन पर वैगन की चेन खोल ले गए थे चोर। सांकेतिक तस्वीर
अमरीश मनीष शुक्ल, प्रयागराज। देश भर के रेलवे यार्डों में खड़े मालगाड़ी के डिब्बों (वैगन) की सुरक्षा अब पुख्ता होने जा रही है। दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर डिवीज़न में चोरों की करतूत से हुए एक गंभीर हादसे के बाद, अब देश भर में हर दिन सुबह और शाम को रेलकर्मी मौके पर जाकर यह सुनिश्चित करेंगे कि खड़े हुए वैगन पूरी तरह सुरक्षित और स्थिर हैं या नहीं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
12 नवंबर को चक्रधरपुर मंडल के आदित्यपुर स्टेशन पर शंटिंग नेक-दो लाइन पर पिछले 18 दिनों से मालगाड़ी के 36 डिब्बे खड़े थे। सुबह करीब 9:41 बजे, ये सभी वैगन अचानक अपने आप लुढ़कने लगे। ये बेकाबू डिब्बे तेज रफ्तार से भागते हुए स्टेशन फ्रेट डिपो में जा घुसे और वहां पहले से खड़े छह पुराने (कंडम) वैगनों से जोरदार तरीके से टकरा गए।
टक्कर इतनी भीषण थी कि डिपो का मुख्य गेट टूट गया और एक वैगन तो अंदर रखे पहियों और ट्रालियों के ऊपर चढ़ गया। जांच में पता चला कि इस घटना के पीछे दो मुख्य कारण थे। रात के अंधेरे में चोरों ने वैगनों के नीचे लगी जंजीरें (चेन) और लकड़ी के पहिया रोकने वाले उपकरण (स्किड) चुरा लिए थे। जबकि लापरवाही यह थी कि खड़े किए गए ज़्यादातर वैगनों के हैंड ब्रेक या तो ख़राब थे या किसी ने लगाए ही नहीं थे।
18 दिनों तक कोई भी कर्मचारी यह जांचने नहीं गया कि वैगन सुरक्षित हैं या नहीं। इस घटना से सबक लेते हुए रेलवे बोर्ड ने तुरंत एक्शन लिया है। रेलवे बोर्ड के उप निदेशक यातायात श्वेता शर्मा ने दो दिसंबर को उत्तर मध्य रेलवे समेत देश की सभी ज़ोनल रेलवे को तत्काल प्रभाव से एक सख्त निर्देश जारी किया है। यह एक तरह का \“सुरक्षा अलर्ट\“ है।
इसमें चार प्रमुख सावधानियां तत्काल लागू करने को कहा गया है। अब वैगन खड़े करते समय हैंड ब्रेक लगाना और खराब होने पर तुरंत सी एंड डब्ल्यू स्टाफ से ठीक करवाना अनिवार्य होगा। यार्ड में भारी \“\“हिंग वाले लोहे के स्काच ब्लाक\“\“ (पहिया रोकने का मजबूत उपकरण) का इस्तेमाल करना होगा। जिस लाइन पर वैगन खड़े हों, उसका प्वाइंट हमेशा उल्टी दिशा में सेट किया जाए, ताकि डिब्बे भागने पर भी मुख्य लाइन पर न जा सकें।
यह भी पढ़ें- Indian Railways News: दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में \“नो रूम\“, यात्रियों की मजबूरी बनी प्राइवेट बसें
इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण, अब से प्रतिदिन सुबह और शाम को रेलकर्मी लाइन पर जाकर व्यक्तिगत रूप से जांच करेंगे कि वैगन स्थिर हैं, सुरक्षित हैं, और उनके सुरक्षा उपकरण चोरी तो नहीं हुए हैं। रेलवे का यह सख्त कदम सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में चोरी और लापरवाही की वजह से ऐसे खतरनाक हालात दोबारा पैदा न हों और रेल परिचालन की सुरक्षा बनी रहे। सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि इन सुरक्षा निर्देशों को लागू किया जा रहा है। इससे सुरक्षा का स्तर और बढ़ेगा और जवाबदेही भी तय होगी। |
|