इलाज के अभाव में बिरहोर महिला की मौत। फाइल फोटो  
 
  
 
  
 
संवाद सूत्र, चौपारण (हजारीबाग)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौपारण में बुधवार की रात बिरहोर समुदाय की महिला पार्वती बिरहोरिन की मौत इलाज के अभाव में हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल पहुंचने पर कोई एमबीबीएस चिकित्सक मौजूद नहीं था, जबकि अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने केवल प्राथमिक उपचार की कोशिश की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
समुचित इलाज न मिलने के कारण महिला ने दम तोड़ दिया। घटना से परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उन्होंने जिला प्रशासन से उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।  
 
  
 
ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। बीते माह भी बिरहोर समुदाय की एक किशोरी और डायरिया से पीड़ित एक मासूम की मौत इलाज न मिलने के कारण हुई थी। लगातार हो रही मौतों ने अस्पताल की व्यवस्थाओं और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।  
 
विधायक मनोज कुमार यादव और मुखिया प्रतिनिधि एवं पूर्व मुखिया बिनोद सिंह ने घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था पर आक्रोश जताया।  
 
  
 
चौपारण प्रखंड, जो जिला का सबसे बड़ा प्रखंड है और एक्सीडेंटल जोन के रूप में भी जाना जाता है, यहां के एकमात्र सामुदायिक अस्पताल में चिकित्सकों की भारी कमी के कारण गंभीर मरीजों को अक्सर केवल प्राथमिक उपचार देकर रेफर कर दिया जाता है।  
 
स्थानीय लोगों का कहना है कि लगातार उपेक्षा और मौतों की घटनाओं ने स्वास्थ्य तंत्र की नाकामी और प्रशासनिक उदासीनता को उजागर कर दिया है। ग्रामीणों की मांग है कि चिकित्सकों की कमी दूर की जाए और मरीजों को समय पर उचित इलाज उपलब्ध कराया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।  
 
  
 
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