जागरण संवाददाता, गोरखपुर। आत्महत्या का आंकड़ा अब केवल संख्या नहीं, बल्कि समाज में बढ़ते तनाव का तीखा संकेत बन गया है। एडीजी मुथा अशोक जैन द्वारा जारी ताज़ा रिपोर्ट में सामने आया है कि 2021 से 2025 के बीच जोन के 11 जिलों में 4086 लोगों ने जान दे दी। चिंताजनक यह है कि हर वर्ष घटनाएं बढ़ी हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गोरखपुर अकेले 588 मामलों के साथ सबसे ऊपर है। अब पुलिस हर जिले में उन इलाकों की पहचान करेगी जहां आत्महत्या के मामले लगातार बढ़े हैं और हर घटना के पीछे के कारणों की गहराई से जांच होगी।वजह स्पष्ट होने के बाद लोग आत्महत्या न करे इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिसमें पुलिस के अलावा प्रशासन की टीम शामिल होगी।
सोमवार को एडीजी जोन मुथा अशोक जैन ने पांच वर्ष के विस्तृत आंकड़े जारी किए, जिनसे यह स्पष्ट हो गया कि हालात सामान्य नहीं हैं।एडीजी ने कहा कि आत्महत्या अब केवल एक दर्ज की जाने वाली घटना नहीं, बल्कि ऐसा संकट है जिसे समझने और रोकने के लिए पुलिस को नई दिशा में काम करना होगा।
इसी उद्देश्य से सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि जहां सबसे अधिक आत्महत्याएं हुईं, ऐसे तीन थानों को हाई-रिस्क जोन चिन्हित कर विस्तृत पड़ताल शुरू की जाए।प्रत्येक आत्महत्या केस में मृतक की विवाहिक स्थिति, उम्र, सामाजिक हालात और मानसिक या पारिवारिक दबाव की भूमिका दर्ज की जाएगी।
यह पता लगाया जाएगा कि किस आयु वर्ग में आत्महत्या की प्रवृत्ति सबसे ज्यादा है और कौन-सी परिस्थितियां इसके लिए ज़िम्मेदार हैं,घरेलू विवाद, प्रेम संबंध, आर्थिक तनाव, बीमारी, नशा या सामाजिक अपमान।पुलिस की इस पड़ताल के बाद डीएम, सीएमओ, समाज कल्याण विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम आत्महत्या रोकथाम की कार्ययोजना लागू करेगी। एडीजी ने सभी एसपी को निर्देश दिया है कि इस प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से शुरू किया जाए।
जिला-वार विवरण (वर्ष 2021–2025)
जिला 2021 2022 2023 2024 2025 योग
देवरिया
29
61
69
63
70
292
गोरखपुर
96
101
121
131
139
588
कुशीनगर
28
40
39
52
57
216
महाराजगंज
79
94
93
98
99
456
बस्ती
70
105
95
102
98
470
संतकबीरनगर
25
34
58
54
80
251
सिद्धार्थनगर
38
55
59
81
95
328
गोरखपुर-बस्ती रेंज के सात जिले 2601 ने जान दी। गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती को मिलाकर जोन में आत्महत्या करने की कुल घटनाएं 4086 हुई। |