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स्मार्ट मीटर योजना में क्यों पिछड़ रही है दिल्ली? 70 लाख कंज्यूमर्स में से मात्र 6.5 लाख को ही मिला लाभ

cy520520 2025-10-4 12:36:13 views 1244

  स्मार्ट मीटर लगाने में स्मार्ट नहीं बनी दिल्ली। जागरण





राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। बिजली आपूर्ति के बेहतर प्रबंधन व ऊर्जा की बचत को ध्यान में रखकर पूरे देश में स्मार्ट मीटर लगाने पर बल दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार कई राज्यों को सहयोग कर रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जून में उत्तरी राज्यों के बिजली मंत्रियों की बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने सभी राज्यों को नवंबर तक सरकारी काॅलोनियों व भवनों, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा करने को कहा था। राजधानी इस लक्ष्य से बहुत पीछे है।



राजधानी में वर्ष 2018 में स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत हुई थी। लेकिन, इसकी गति धीमी पड़ गई। यहां लगभग 70 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं और साढ़े छह लाख से भी कम स्मार्ट मीटर लगे हैं।

केंद्रीय ऊर्जा विभाग के अंतर्गत आने वाले नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन के अनुसार दिल्ली में मात्र 2.60 स्मार्ट मीटर लगने की जानकारी दी गई है। इसमें से लगभग 55 हजार एनडीएमसी क्षेत्र में हैं।

शेष टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के बिजली वितरण क्षेत्र में है। वहीं, टीपीडीडीएल का दावा है कि उसने 5.90 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगा दिए हैं। उसका कहना है कि प्रत्येक वर्ष दो लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।



बिजली अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की रिवैम्पड डिस्ट्रिब्यूशऩ सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के अंतर्गत स्मार्ट मीटर लगाने के लिए सरकारी बिजली वितरण कंपनियों को आर्थिक सहयोग मिलता है।

दिल्ली की निजी बिजली वितरण कंपनियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलता है। पिछले कई वर्षों से दिल्ली में टैरिफ की घोषणा नहीं हुई है। इन कारणों से यहां स्मार्ट मीटर लगाने के काम में तेजी नहीं आ रही है।






स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को लाभ

  • वास्तविक समय बिजली उपयोग की जानकारी: स्मार्ट मीटर से वास्तविक समय में बिजली उपयोग की जानकारी मिलती है। इससे उपभोक्ता बिजली उपयोग को नियंत्रित कर सकता है।
  • सही बिल मिलना: अनुमानित बिल की जगह उपभोक्ता को वास्तविक बिजली उपयोग के आधार पर सही बिल प्राप्त होता है। स्मार्ट मीटर स्वचालित रूप से रीडिंग भेजते हैं, जिससे मैन्युअल रीडिंग की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
  • प्रीपेड सुविधा: कई स्थानों पर स्मार्ट मीटर प्रीपेड मोड में काम करते हैं। इससे उपभोक्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार बिजली रिचार्ज कर सकते हैं।
  • ऊर्जा की बचत: बिजली उपयोग को ट्रैक करके ऊर्जा बचाने के उपाय कर सकते हैं। इससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।





डिस्काम को लाभ

  • बिजली चोरी पर रोक: स्मार्ट मीटर बिजली चोरी का पता लगाने में मदद करते हैं।
  • बेहतर ग्रिड प्रबंधन: बिजली उपयोग पर वास्तविक समय का आंकड़ा मिलने से डिस्काम को पीक और ऑफ-पीक घंटों के अनुसार बिजली आपूर्ति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इससे ग्रिड की विश्वसनीयता बढ़ती है।
  • बिजली आपूर्ति सुधारने में मददः यदि किसी कारण कहीं बिजली आपूर्ति बाधित होती है तो स्मार्ट मीटर से मिलने वाले आंकड़ों के अनुसार उस क्षेत्र में समस्या का शीघ्र समाधान किया जा सकता है।







दिल्ली में बिजली उपभोक्ता

  • बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली) - 31 लाख
  • बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (पूर्वी व मध्य दिल्ली) - 20 लाख
  • टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (उत्तरी दिल्ली) - 19 लाख
  • नई दिल्ली नगर पालिका परिषद - 55 हजार

दिल्ली में स्मार्ट मीटर की स्थिति

  • टीपीडीडीएलः 590474
  • एनडीएमसीः 55000
  • कुलः 645474





उत्तरी राज्यों में स्मार्ट मीटर की स्थिति

  • हरियाणाः 8.47 लाख
  • उत्तराखंडः 3.16 लाख
  • पंजाबः 17.31 लाख
  • हिमाचल प्रदेशः 6.89 लाख
  • जम्मू कश्मीरः 8.8 लाख


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