पूर्व सभापति धनखड़ के इस्तीफे पर राज्यसभा में भिड़े सत्ता पक्ष और विपक्ष (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यसभा में शीतकालीन सत्र के पहले दिन पूर्व उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति रहे जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ है। इसकी शुरूआत तब हुई, जब नए सभापति के अभिनंदन के दौरान सदन में विपक्ष के नेता व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने का मौका दिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने धनखड़ का नाम लिए बगैर कहा कि पूर्व के सभापति को अचानक से जिस तरह से अपना कार्यकाल छोड़ना पड़ा था, वह संसदीय इतिहास में चौंकाने वाली घटना थी। हम उन्हें विदाई भी नहीं दे पाए। खरगे के इतना बोलते ही सत्ता पक्ष आक्रोशित हो गया। हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने धनखड़ को लेकर की गई टिप्पणी के अशोभनीय होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह इसका मौका नहीं था।
वह जब तक पद पर रहे कांग्रेस ने तो उनका हर दिन अपमान ही किया। शायद वे इसे भूल गए लेकिन देश नहीं भूला है। खरगे की टिप्पणी के बाद मचा यह हंगामा राज्यसभा में काफी देर तक चला। खरगे ने जिस समय यह टिप्पणी की उस समय राज्यसभा में पीएम मोदी भी मौजूद थे।
कब रुका हंगामा
हंगामा तभी रूका, जब खरगे अपनी सीट पर बैठ गए। राज्यसभा के नेता व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी इस नेता विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि ये कांग्रेस ही थी जो जिसने धनखड़ के खिलाफ दो बार अविश्वास प्रस्ताव लाने का काम किया था।
इस टिप्पणी को उन्होंने कांग्रेस को लगातार मिल रही हार की हताशा बताया। साथ ही कहा कि पीएम की सदन से बाहर कही गई बात यदि उन्हें लगी है तो उन्हें अपनी तकलीफ को डाक्टर के सामने बोलना चाहिए। गौरतलब है कि धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों की हवालों देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था।
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