जागरण संवाददाता, जालौन। नौ माह पूर्व बेटे को कुल्फी के काम पर ले जाने के बहाने किसी और व्यक्ति को सौंप दिया। तबसे पिता की बेटे से बात नहीं हो सकी है। पिता ने बेटे के अपहरण करने और उससे बंधुआ मजदूरी कराने की आशंका व्यक्त करते हुए न्यायालय की शरण ली थी। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुहल्ला दलालनपुरा निवासी आशाराम ने न्यायालय में बताया कि मुहल्ला शाहगंज निवासी नैनू मार्च 2025 में उसके यहां आया और बेटे दीपक को काम धंधे का लालच देने लगा। उसने बताया कि वह उसे कुल्फी के काम पर मथुरा ले जाना चाहता है। उसकी बातों में आकर 20 मार्च 2025 को बेटा दीपक नैनू के साथ चला गया।
कुछ दिन बाद बेटे ने फोन पर बताया कि नैनू ने उसे तोपखाना निवासी कलीम के यहां छोड़ दिया है और वह उसके यहां ही काम करेगा। इसके बाद से अब तक बेटे का न तो कोई फोन आया और न ही वह अब तक घर आया है। पूछने पर भी नैनू और कलीम में से कोई कुछ बताता नहीं है।
पिता ने उसका अपहरण कर ले जाने और उससे बंधुआ मजदूरी कराने की बात कही थी। आला अधिकारियों से भी शिकायत की ती लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। बल्कि उसे गुमराह करके सिर्फ बेटे की गुमशुदगी दर्ज कर ली थी। पिता ने बेटे की सकुशल बरामदगी कराने और आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की गुहार न्यायालय से लगाई थी।
न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसएसआइ संजय यति ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करेगी। |