9 साल के कबीर ने जीता नेशनल अवार्ड, राष्ट्रपति से मुलाकात का अनुभव किया शेयर
पुणे। 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सिर्फ बॉलीवुड सेलेब्स का नही, बल्कि कुछ बाल कलाकारों का जलवा भी देखने को मिला, जिन्होंने मेहनत के बलबूते पर झोपड़ी से राष्ट्रपति भवन तक का सफर तय किया है। ऐसे ही एक बाल कलाकार हैं कबीर खंदारे, जिन्हें मराठी फिल्म ‘जिप्सी’ के लिए बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का नेशनल अवॉर्ड दिया गया।
ऐसे ही एक बाल कलाकार हैं कबीर खंदारे, जिन्हें मराठी फिल्म ‘जिप्सी’ के लिए बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का नेशनल अवॉर्ड दिया गया।
फिल्म में अपने रोल और राष्ट्रपति से मिलने के अनुभव पर बात करते हुए कबीर खंदारे ने आईएएनएस से कहा, "मुझे बहुत अच्छा लगा, लेकिन मैं बहुत डरा हुआ था क्योंकि मेरे अंकल ने मुझे राष्ट्रपति जी से दूर रहने के लिए कहा था। जिस दिन अवार्ड मिला, उस दिन मैं उनसे दूर-दूर रहा, लेकिन खुद उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और अपनी भाषा में कुछ कहा, मुझे बहुत अच्छा लगा।"
शूटिंग के दौरान हुए अनुभव पर बात करते हुए कबीर खंदारे ने बताया कि उनका रोल फिल्म में गरीब बच्चे का था, जिसके पास न खाने को अच्छा खाना था और न ही पैरों में पहनने के लिए चप्पल। एक्टर कहते हैं कि शूटिंग के समय बहुत धूप थी, तो नंगे पैर चलने में बहुत दिक्कत होती थी। बारिश के दिनों में लगातार बारिश में भीगना पड़ता था...बहुत मुश्किल होती थी।
कबीर खंदारे पहले भी कई शॉर्ट फिल्म, विज्ञापन, और डॉक्यूमेंट्री कर चुके हैं और कई अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं। बाल कलाकार ने बताया कि शूटिंग के दिनों में उनके स्कूल और उनके परिवार ने भरपूर सहयोग दिया। उन्होंने कहा, "पापा शूटिंग के लिए लेकर जाते थे, स्कूल वालों ने छुट्टी भी दी…बहुत मजा आता था और अच्छा भी लगता है क्योंकि लोग पहचानने लगे हैं।
सिर्फ 9 साल के कबीर निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। उन्होंने अपनी मेहनत के बल पर नेशनल अवॉर्ड जीता है। झोपड़ी से निकलकर राष्ट्रपति भवन तक पहुंचना आसान नहीं होता, लेकिन अपनी लगन से कबीर ने छोटी सी उम्र में यह कर दिखाया।

Deshbandhu Desk
national film awards
Next Story |