इंजन स्ट्रोक: लॉन्ग, शॉर्ट और स्क्वायर में क्या है अंतर?
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। आपने कभी न कभी लॉन्ग स्ट्रोक और शॉर्ट स्ट्रोक जैसे शब्द सुने होंगे। कभी मोटरसाइकिलों की स्पेसिफिकेशन शीट देखते हुए, तो कभी दोस्तों के साथ चाय पर बहस करते हुए। ये शब्द भले तकनीकी लगते हों, लेकिन असल में ये इंजन की बनावट के बारे में बताते हैं। बाइक के इंजन का यह छोटा सा फर्क तय करता है कि एक बाइक शांत, टॉर्की महसूस होगी या फिर तेज, हाई-रेविंग बाइक बनेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
Bore और Stroke क्या होते हैं?
हर इंजन के अंदर एक पिस्टन सिलेंडर के भीतर ऊपर-नीचे चलता है। Bore सिलेंडर का व्यास होता है। Stroke पिस्टन का ऊपर से नीचे तक चलने का पूरा सफर को कहते हैं। यह दोनों चीजें मिलकर इंजन की कुल क्षमता यानी cc तय करती हैं। अगर स्ट्रोक बोर से ज्यादा है, तो इंजन लॉन्ग स्ट्रोक होता है। अगर स्ट्रोक बोर से कम होता है, तो इंजन शॉर्ट स्ट्रोक कहलाता है। यही अनुपात पूरी बाइक के व्यवहार और उसकी राइडिंग फील को बदल देता है।
Long Stroke इंजन
यह आराम से चलने वाली ज्यादा पावर और टॉर्क जनरेट करने वाली होती है। Royal Enfield Classic 350 जैसी बाइक में लॉन्ग स्ट्रोक इंजन का इस्तेमाल होता है। इनमें पिस्टन लंबी दूरी तय करता है। इससे कम RPM पर ज्यादा टॉर्क मिलता है। लंबे स्ट्रोक की वजह से क्रैंकशाफ्ट को ज्यादा लीवरेज मिलता है, जैसे लंबे रिंच से बोल्ट खोलना आसान होता है। इसलिए ये इंजन कम RPM पर भी मजबूत खिंचाव देते हैं। लंबा पिस्टन सफर रेव बढ़ने पर बहुत तेज हो जाता है, जिससे हाई RPM इन इंजनों को पसंद नहीं। इसीलिए इनकी रेडलाइन आमतौर पर कम होती है। ये इंजन टॉप-एंड स्पीड से ज्यादा फील, थंप और ट्रैक्टेबिलिटी पर ध्यान देते हैं।
Short Stroke इंजन
इसमें पिस्टन कम दूरी तय करता है, जिसकी वजह से बहुत से RPM बढ़ाता है। इससे ज्यादा पावर मिलती है। साथ ही रेडलाइन लंबी और टॉप-एंड एक्साइटिंग होती है। यह इंजन Yamaha R15 या KTM Duke 200 जैसी हाई-रेव वाली बाइक में होता है।
कम स्ट्रोक होने से मैकेनिकल लीवरेज भले कम मिलता है, लेकिन इंजन बेहद तेज घूम सकता है। इसकी वजह से ऊपर की RPM पर धमाकेदार परफॉर्मेंस, तेज आवाज और स्पोर्टी फील मिलती है। कम RPM पर ये इंजन थोड़े सुस्त लगते हैं, खासकर ट्रैफिक या ढलान पर बिना गियर बदले चलाना मुश्किल हो सकता है।
Square इंजन
कई आधुनिक मोटरसाइकिल में square इंजन का इस्तेमाल होता है। इसमें बोर और स्ट्रोक करीब बराबर होते हैं। यह इंजन कम RPM पर ठीक-ठाक टॉर्क देते हैं और हाई RPM पर अच्छी पावर जनरेट करते हैं। इन्हें उन राइडर्स के लिए बनाया जाता है जिन्हें ना ज़्यादा लेजी फील चाहिए, ना ही सिर्फ हाई-रेव का क्रेज भी। |