कर्नाटक में सत्ता का घमासान तेज, अब दिल्ली में होगा फैसला (फोटो- पीटीआई)
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर सत्ता संघर्ष तेज हो गया है। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच गुरुवार को एक-दूसरे पर शब्दबाण चलाए। वादा निभाने की बात पर दोनों नेता आमने-सामने आ गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शब्द शक्ति ही विश्व शक्ति है- शिवकुमार
शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि शब्द शक्ति ही विश्व शक्ति है। इस पर सिद्दरमैया ने जवाब दिया-शब्द तब तक शक्ति नहीं है, जब तक वह लोगों के लिए दुनिया को बेहतर न बनाए। इन सबके बीच भाजपा ने कहा है कि कुर्सी की खींचतान केवल पैसे और पावर के लिए की जा रही है।
सिद्दरमैया जहां दावा कर रहे हैं कि वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, वहीं शिवकुमार खुद सीएम बनना चाहते हैं, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा हिस्सा पूरा कर लिया है।
मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा-कर्नाटक की जनता द्वारा दिया गया जनादेश कोई क्षणिक चीज नहीं, बल्कि पूरे पांच साल तक चलने वाली जिम्मेदारी है। इस पर शिवकुमार ने पोस्ट किया, अपनी बात पर कायम रहना दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है! चाहे जज हों, राष्ट्रपति हों या कोई और..सबको अपनी बात का पालन करना ही पड़ता है। इनमें मैं भी शामिल हूं।
रोटेशन के आधार पर दोनों नेता बारी बारी से सीएम बनेंगे
शिवकुमार की इस पोस्ट को 2023 में दोनों के बीच कथित समझौते की याद दिलाने के तौर पर देखा जा रहा है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भारी जीत के बाद दोनों नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए भिड़ गए थे। उस समय कहा गया था कि रोटेशन के आधार पर दोनों नेता बारी बारी से सीएम बनेंगे।
सिद्दरमैया और शिवकुमार के समर्थक आमने सामने आए
सिद्दरमैया और शिवकुमार के समर्थकों ने खुलकर शक्ति-प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जिससे कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बढ़ गया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ किया है कि नेतृत्व मुद्दे पर अंतिम फैसला दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं और दोनों शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में सामूहिक चर्चा के बाद ही होगा।
खरगे ने कही ये बात
खरगे ने कहा कि वह दिल्ली जाकर कर्नाटक के तीन-चार महत्वपूर्ण नेताओं को बुलाएंगे और चर्चा करेंगे। राहुल गांधी भी इसमें शामिल होंगे। सिद्दरमैया के बेटे और एमएलसी यतींद्र तथा राज्य सरकार के मंत्री जमीर खान ने कहा है कि मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
जी परमेश्वरा ने भी ठोका दावा
मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री जी परमेश्वरा ने पार्टी हाई कमान में भरोसा जताया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मामले का हल एक सप्ताह में निकल आएगा। उन्होंने कहा कि अगर उनके अनुभव और कौशल के आधार पर शीर्ष पद के लिए चुना जाता है तो वह कांग्रेस की विचारधारा के मुताबिक लोगों की सेवा करने के लिए तैयार हैं।
भाजपा ने बताया पैसे और सत्ता का खेल
भाजपा नेता बूरा नरसैया गौड़ ने गुरुवार को कर्नाटक में चल रहे सत्ता-साझेदारी नाटक के लिए कांग्रेस की आलोचना की और आरोप लगाया कि पार्टी की आंतरिक कलह \“\“सत्ता और पैसे की खींचतान\“\“ का नतीजा है और इससे राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ज्यादा से ज्यादा पैसा बटोरने के लिए सिद्दरमैया और शिवकुमार को आपस में लड़ा रहे हैं। दोनों का सीधा हिसाब यह है कि जो ज्यादा पैसा भेजेगा, उसे सीएम बना दिया जाएगा। यही समय है जब राज्य की जनता को अपना भविष्य तय करना है। आज नहीं तो कल, कर्नाटक को कांग्रेस से मुक्ति मिलकर रहेगी। |