किसान बोले- फसल बर्बाद हो गई, सरकार शीघ्र घोषित करे सूखा
संवादसूत्र, राजापाकड़। खरीफ के सीजन में अवर्षण ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इधर धर्मपुर माइनर में पूरे सीजन पानी नहीं छोड़ा गया तो बंगरा, दुमही, राजापाकड़, बरवाराजापाकड़, गोबरही, बरमपुर आदि गांवों में खेतों में लगी 100 एकड़ धान की फसल सूखकर झुलसा रोग की चपेट में आ गई। खेतों की बर्बादी देख किसान गहरे सदमे में हैं। किसान सरकार से क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित कर मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्या कहते हैं किसान
गोबरही निवासी केन यूनियन संचालक प्रतिनिधि सत्यनारायण यादव ने कहा कि गांव में अधिकांश किसान छोटे जोत के हैं। यह फसल ही सहारा थी। अब सबके सामने भुखमरी की स्थिति खड़ी हो गई है।
बरवाराजापाकड़ लाला टोला निवासी किसान विजय श्रीवास्तव ने कहा कि पूरे परिवार की आजीविका धान की फसल पर निर्भर है। अब खेत सूख गए हैं, तो बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च कैसे चलेगा।
बहुरिया टोला निवासी किसान राजू गोंड ने कहा कि हमने उधार लेकर खाद-बीज खरीदा। फसल नष्ट हो गई तो कर्ज चुकाना असंभव हो गया। सरकार अगर मदद नहीं करेगी तो हमारा भविष्य अंधकारमय है।
शिवाला टोला निवासी किसान सूर्यनाथ यादव ने कहा कि धान के पौध सूखकर काला पड़ने लगे हैं। पशुओं के लिए पुआल भी नहीं बचेगा। अब जीना दूभर हो गया है।
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-राजापाकड़ निवासी किसान सतन वर्मा ने कहा कि कहा कि सरकार सिर्फ योजनाओं का प्रचार करती है। वास्तविक संकट में किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। हमें तात्कालिक मुआवजा चाहिए।
-बरमपुर निवासी किसान सिकंदर कुशवाहा ने कहा कि हम दिन-रात खेतों में मेहनत करते हैं। पर नहर में पानी न आने से सब बरबाद हो गया। वर्षा भी नहीं हुआ अब आखिरी आस सरकार से ही है।
-राणा प्रताप सिंह, लोकनाथ सिंह, गणेश मिश्र, राजदेव गुप्ता, रामप्रीत प्रसाद, साधू यादव आदि किसानों ने प्रशासन से अविलंब क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने और समुचित मुआवजा दिलाने की मांग की है। |