सितंबर में हुई ताबड़तोड़ बारिश से बिजली की मांग में कमी, लेकिन खपत में हुआ इतना इजाफा
नई दिल्ली। देश में बिजली की खपत सितंबर में 3.21 प्रतिशत बढ़कर 145.91 अरब यूनिट हो गई। इस महीने में बिजली की अधिकतम मांग 229.15 गीगावाट थी, जो सरकारी अनुमानों से काफी कम थी। सितंबर 2024 में बिजली की खपत 141.36 अरब यूनिट रही थी। विशेषज्ञों ने कहा कि बिजली की खपत में मामूली वृद्धि की वजह अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश के कारण तापमान में आई नरमी रही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
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इस महीने के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 229.15 गीगावाट रही, जो सरकारी अनुमानों से काफी कम थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2024 में बिजली की खपत 141.36 बिलियन यूनिट दर्ज की गई। विशेषज्ञों ने कहा कि बिजली की खपत में यह मामूली वृद्धि देश के अधिकांश हिस्सों में इस महीने के दौरान हुई व्यापक वर्षा के कारण हुई, जिससे तापमान नियंत्रित रहा।
सितंबर 2024 की अपेक्षा 2025 में कम रही बिजली की खपत
विभिन्न सरकारी सूत्रों ने कहा था कि सितंबर तक देश में 277 गीगावाट के स्तर पर बिजली की अधिकतम मांग देखने को मिलेगी। लेकिन सितंबर में एक दिन में बिजली की अधिकतम मांग 229.15 गीगावाट ही रही, जो सितंबर 2024 के 230.60 गीगावाट की तुलना में मामूली रूप से कम है।
मई, 2024 में बिजली की अधिकतम मांग लगभग 250 गीगावाट के सर्वकालिक उच्चस्तर को छू गई थी। पिछली सर्वकालिक उच्चतम 243.27 गीगावाट बिजली की मांग सितंबर 2023 में दर्ज की गई थी। हालांकि, इस साल गर्मियों के दौरान जून में बिजली की अधिकतम मांग का रिकॉर्ड 242.77 गीगावाट था।
अक्टूबर में भी मांग और खपत के कम रहने की संभावना
विशेषज्ञों ने कहा कि तापमान के स्तर में नरमी के कारण अक्टूबर में भी बिजली की मांग और खपत कम रहने की संभावना है, जिससे एयर कंडीशनर एवं कूलर जैसे उपकरणों का उपयोग कम होगा। चार महीने का मानसून सत्र 30 सितंबर को समाप्त हो गया। हालांकि भारतीय मौसम विभाग ने अक्टूबर में सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक वर्षा होने का अनुमान लगाया है।
अगस्त में पीटीआई से बात करते हुए, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद ने कहा था कि इस गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग अनुमानित 277 गीगावाट तक पहुंचने की संभावना नहीं है, क्योंकि रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण एयर कंडीशनर जैसे शीतलन उपकरणों का उपयोग कम हो गया है।
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