दहन से पहले तैयार रावण व कुंभकर्ण का पुतला। जागरण  
 
  
 
  
 
 डिजिटल डेस्क, मुजफ्फरपुर। रावण दहन दशहरे के दिन किया जाने वाला प्रमुख अनुष्ठान है। जिले के मड़वन प्रखंड के पानापुर करियात थाना क्षेत्र स्थित रक्सा बहादुर चौक शिवालय धाम परिसर में रावण व कुम्भकर्ण का 61 व 51 फीट ऊंचे पुतले का दहन होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
रावण दहन का महत्व  
  
 - रावण दहन भगवान राम की जीत का प्रतीक है, जिन्होंने रावण को हराकर सीता को बचाया था। 
 
  - यह आयोजन बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। 
 
  - रावण दहन के दौरान लोग अपने अंदर की बुराइयों को जलाने का संकल्प लेते हैं। 
 
    
रावण दहन की तैयारी  
  
 - रावण दहन के लिए बड़े-बड़े पुतले बनाए जाते हैं। 
 
  - इन पुतलों में आतिशबाजी और अन्य सामग्री भरी जाती है। 
 
  - रावण दहन के दिन लोग इकट्ठे होकर पुतलों को जलाते हैं और जयकारे लगाते हैं। 
 
    
रावण दहन का समय  
 
रावण दहन का शुभ मुहूर्त शाम को प्रदोष काल में होता है।  
 
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यह समय सूर्यास्त के बाद का होता है, जब रावण के पुतले को जलाया जाता है।  
रावण दहन के दौरान सावधानियां  
 
रावण दहन के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं।  
 
लोगों को पुतले से दूर रहने की सलाह दी जाती है।  
 
कुछ जगहों पर रावण दहन पर बारिश का साया मंडरा रहा है। मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में बुधवार की रात से ही जो बारिश का क्रम आरंभ हुआ वह सुबह तक चलता रहा है। गुरुवार को भी आसमान में बादल छाए रहने इसकी आशंका है।   
 
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