पीएचडी स्कालर अब गाँवों में शोध करके विकास के लिए योजना बनाएंगे। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, बागपत। अब गांवों की विकास योजना कागजों में नहीं, बल्कि जमीनी सच के आधार पर बनेगी। पंचायती राज विभाग ने छह यूनिवर्सिटी से अनुबंध किया, जिनके पीएचडी स्कालर गांवों में माडल विकास योजना तैयार कराएंगे। बागपत के दस गांवों की सूची पंचायत निदेशक को भेजी गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कालर पंचायत सचिवों व अधिकारियों को तकनीकी सहयोग देकर ग्राम पंचायत की विकास योजना बनाने को काम करेंगे। इसका उद्देश्य विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक, अनुसंधानात्मक, तकनीकी क्षमता को गांव स्तर की योजनाएं निर्माण प्रक्रिया से जोड़ना है। इससे विकास लक्ष्यों पर आधारित, समेकित एवं सहभागी योजना बन सकेंगी। विकास योजना में कम लागत, बिना लागत की गतिविधियों को प्राथमिकता देकर ग्राम पंचायतों में सतत आजीविका, आधारभूत सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण, महिलाओं एवं बच्चों के समग्र विकास को बढावा देने पर फोकस रहेगा।
ग्रामीण विकास योजना
-बागपत में विकास योजना बनवाने को गांवों का हुआ चयन
-पीएचडी स्कालर गांवों में शोध कर बनाएंगे विकास योजना
इन गांवों की बनेगी माडल विकास योजना
डीपीआरओ नितिन कुमार ने ग्राम पंचायत असारा, सरूरपुरकलां, डौला, किरठल, बिजराैल, अहैड़ा, फैजपुर निनाना, गुराना, बिजवाड़ा व सिरसली के नाम निदेशालय को भेजे हैं।
यह भी जानिए : जिले में 244 ग्राम पंचायतों की विकास योजना बनाने की कवायद चल रही है। करीब 125 करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास योजना बनना अनुमानित है। पिछली साल 100 करोड़ की विकास योजना बनी थी।
इन थीम पर बनेंगी योजना
-गरीबी मुक्त व आजीविका उन्नत गांव
-स्वस्थ तथा बाल हितैषी ग्राम पंचायत
-पर्याप्त जलयुक्त व स्वच्छ हरित गांव
-आत्मनिर्भर बुनयादी ढांचा वाला गांव
-सामाजिक न्याय संगत-सुरक्षित गांव
-सुशासन युक्त व महिला हितैषी गांव |