बचाव कार्य बेहद जटिल है, क्योंकि मलबे में कंपन से अन्य हिस्से प्रभावित हो सकते हैं।  
 
  
 
  
 
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर एक बोर्डिंग स्कूल की इमारत के अचानक ढह जाने से 59 लोग लापता हैं और अब बचावकर्मियों ने मलबे में जिंदगी के कोई संकेत न मिलने की बात कही है।  
 
सोमवार को दोपहर की नमाज के लिए जमा हुए छात्रों के बीच यह हादसा हुआ, जिसमें कम से कम पांच लोगों की मौत हो चुकी है। चार दिन बाद भी बचाव कार्य जारी है, लेकिन अब उम्मीदें धूमिल हो रही हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
  
 
स्थानीय निवासियों ने प्रभावित परिवारों को अपने घरों में ठहरने की पेशकश की है। 28 साल के मौलाना बायू रिज्की प्रतामा अपने 17 साल के भाई की तलाश में दिन-रात डटे हैं। उन्होंने कहा, “मैं चार दिन से यहां हूं, उम्मीद है मेरा भाई जिंदा मिले।“  
मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन  
 
बचाव कार्य बेहद जटिल है, क्योंकि मलबे में कंपन से अन्य हिस्से प्रभावित हो सकते हैं। राष्ट्रीय खोज और बचाव एजेंसी के प्रमुख मोहम्मद स्याफी ने बताया कि पीड़ितों तक पहुंचने के लिए भूमिगत सुरंग खोदनी पड़ रही है, जो केवल 60 सेंटीमीटर चौड़ी होगी। थर्मल ड्रोन्स का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन 72 घंटे का “गोल्डन पीरियड“ खत्म होने से बचाव की संभावनाएं कम हो रही हैं।  
 
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परिजनों ने गुरुवार को भारी उपकरणों के इस्तेमाल की सहमति दी, लेकिन सावधानी बरतने की शर्त रखी। बचाव एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि अगर लोग अभी भी लापता रहे, तो ऑपरेशन सात दिन से ज्यादा चल सकता है। मंगलवार रात एक भूकंप ने भी बचाव कार्य को कुछ समय के लिए रोक दिया।  
निर्माण में लापरवाही का शक  
 
हादसे की जांच जारी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि खराब निर्माण इसका कारण हो सकता है। स्कूल की इमारत के नींव के खंभे चौथी मंजिल पर नए निर्माण का वजन सहन नहीं कर पाए। इंडोनेशिया में निर्माण मानकों की कमी एक बड़ी समस्या है, जहां आंशिक रूप से बने ढांचों में बाद में मंजिलें जोड़ने की प्रथा आम है।  
 
  
 
स्थानीय निवासी अनी ने बताया कि इमारत के गिरने से पूरे इलाके में कंपन हुआ। उन्होंने कहा, “मुझे पहले नहीं पता था कि यह इमारत ढही है।“  
 
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