जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। पश्चिमी दिल्ली में यातायात के लिहाज से अतिव्यस्त सड़क को पार करना राहगीरों के लिए टेढ़ी खीर है। समस्या इसलिए है क्योंकि क्षेत्र की अधिकांश सड़कों पर न तो पैदल यात्रियों के लिए फुट ओवरब्रिज हैं और न ही पैदल यात्रियों के सड़क पार करने के लिए सिग्नल हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं, मजबूरी में लोगों को लाल बत्ती पर एक के बाद एक दिशाओं से गुजर रहे वाहनों के बीच से जान जोखिम में डालकर सड़क पार करना पड़ता है। जहां लाल बत्ती की सुविधा नहीं है, वहां जान जोखिम में डालकर सड़क पार करना राहगीरों के लिए मजबूरी है।
पंखा रोड का बुरा हाल
बाहरी रिंग रोड के अहम हिस्से पंखा रोड की बात करें तो इस राेड पर वाहनों का दबाव हमेशा रहता है। इस सड़क एक ओर सुनियोजित कॉलोनी जनकपुरी है तो दूसरी ओर अनियोजित कॉलोनियां हैं। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल सहित तमाम कार्यालय जनकपुरी में हैं। ऐसे में सुबह के समय बच्चों को स्कूल तो बड़ों को कार्यालय जाने के लिए सड़क पार करना ही होता है।
वहीं, बड़े तो किसी तरह सड़क पार कर भी लेते हैं, लेकिन बच्चाें के लिए सड़क पार करना काफी कठिन साबित होता है। बच्चों को उनके अभिभावक सड़क पार कराते हैं। करीब आठ किलोमीटर लंबे पंखा रोड पर केवल एक फुट ओवरब्रिज है। जबकि इस रोड पर कम से कम आधा दर्जन स्थानों पर फुट ओवरब्रिज या सब-वे की सख्त जरूरत है।
जनकपुरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश ऋषि बताते हैं कि कुछ तकनीकी अड़चनें हैं, जिस कारण यहां फुट ओवरब्रिज का निर्माण नहीं हो सकता है। मसलन हाई टेंशन तार एक बड़ी वजह है।
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नजफगढ़ रोड की बात करें तो इस सड़क पर पैदल यात्रियों के लिए सड़क पार करने की सुविधा के नाम पर केवल जनकपुरी डिस्ट्रिक्ट सेंटर के सामने बने फुट ओवरब्रिज व महावीर नगर, तिलकनगर, टैगोर गार्डन, मोती नगर स्थित सब-वे है। पैदल यात्री को इन जगहों के अलावा अगर कहीं सड़क पार करना हो तो वे जान-जोखिम में डालकर सड़क पार करते हैं। विकासपुरी से नजफगढ़ दिल्ली गेट तक के हिस्से में एक भी जगह सड़क पार करने की सुविधा नहीं है।
सुबह-शाम समस्या गंभीर
पैदल यात्रियों को सबसे अधिक समस्या सुबह व शाम के समय झेलनी पड़ती है। इस वक्त वाहनों की रफ्तार सबसे अधिक तेज होती है। चौराहे पर वाहनों के लिए एक के बाद एक सिग्नल लाल व हरे होते हैं। जिस पर वाहन तेज रफ्तार के साथ निकल जाते हैं, रुके रह जाते हैं तो सिर्फ पैदल यात्री, जो इन सिग्नलों के बीच सड़क को पार करने में असमर्थ रह जाते हैं। ऐसे में वाहनों के बीच से गुजरना ही उनके लिए एकमात्र उपाय रह जाता है। |