भव्य रथ यात्रा के साथ दशहरा उत्सव की शुरुआत  
 
  
 
  
 
दविंद्र ठाकुर, कुल्लू। देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आज भगवान रघुनाथ जी की भव्य रथ यात्रा के साथ आगाज होगा। यह उत्सव दो से आठ अक्टूबर तक मनाया जाएगा। इस भव्य देव-मानस मिलन के लिए जिले भर से देवी-देवताओं के पहुंचने का क्रम जारी हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
देवी-देवताओं के इस दशहरा उत्सव महाकुंभ का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल शाम को लाल चंद प्रार्थी कला केंद्र में करेंगे। जबकि समापन अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्य अतिथि रहेंगे। दो से आठ अक्टूबर तक सात दिनों से कुल्लू में देवधुन से घाटी सरावोर होगी। सात अक्टूबर को लालड़ी का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री भी भाग लेंगे।  
 
  
 
इस दौरान 7 अक्टूबर रात को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा जिसमें प्रतिदिन प्रदेश के लोक गायक कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। इस बार बॉलीवुड और विदेशी कलाकार को आमंत्रित नहीं किया गया है। कुल्लू के ढालपुर में दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए देवी देवताओं के पहुंचने का क्रम दोपहर बाद से जारी हो जाएगा।west-champaran-crime,cattle smuggler Rustam arrest,Bagaha police attack,Daroga service revolver stolen,Dhanaha police station,UP police raid,Bhagadvwa village,police team attack,cattle smuggling,service revolver recovery,arrest of Rustam,Bihar news     
 
बुधवार को 150 से अधिक देवी-देवता वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियों के साथ कुल्लू के ढालपुर मैदान में पहुंचे। वीरवार सुबह देवी-देवता देव परंपरा का निर्वहन करने के लिए भगवान रघुनाथ जी से मिलने सुल्तानपुर स्थित रघुनाथ के मंदिर में जाकर शीश नवाएंगे। लगभग दो बजे के बाद भगवान रघुनाथ जी को ढोल-नगाड़ों की थाप पर मंदिर से कड़ी सुरक्षा के बीच ढालपुर स्थित रथ मैदान तक लाया जाएगा। इसके बाद रथ यात्रा में भाग लेने को रथ मैदान में आते हैं।  
 
  
रथ की डोर स्पर्श करने को लगेगी होड  
 
रथ मैदान से भगवान रघुनाथ जी को रथ में बिठाकर सैकड़ों लोग इसकी डोर को स्पर्श कर ढालपुर के अस्थाई मंदिर तक लाया जाएगा। यहां सजाए गए अस्थाई भव्य दरबार में भगवान रघुनाथ विराजमान होंगे। दो से आठ अक्टूबर तक सुबह-शाम यहीं पर भगवान रघुनाथ की उनके छड़ीबरदार महेश्वर सिंह विधिवत पूजा अर्चना करेंगे। हर दिन देव और मानव यहीं पर भगवान के आगे शीश नवाएंगे। कुल्लू में अभी तक 150 से अधिक देवी देवता पहुंच चुके हैं अभी आने का क्रम लगातार जारी है।  
 
  
कुल्लू पहुंचे 365 वर्षों के बाद आए कुईकांडा नाग  
 
दशहरा उत्सव में 365 साल के बाद आनी के तांदी से देवता कुईकांडा नाग पहुंचे हैं। इससे पहले यह देवता दशहरा उत्सव में पहली बार 1660 में कुल्लू दशहरा उत्सव में आए थे। इसके अलावा आनी से देवों के देव गढ़पति शमशरी महादेव, जोगेश्वर महादेव सहित खुडीजल देवता दशहरा उत्सव में भाग लेने को पहुंचे हैं।  
 
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