कुट्टू के आटे से कैसे बनाएं पूड़ी? (Picture Courtesy: Instagram)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र के उपवास में फलाहार के लिए कुट्टू के आटे से बनी पूड़ियों को भी शामिल किया जाता है। हालांकि, कुट्टू का आटा गेहूं के आटे से पूरी तरह अलग होता है। यह ग्लूटेन-फ्री होता है, इसलिए इसमें लचीलापन नहीं होता। इसी वजह से कुट्टू के आटे की पूड़ियां (Kuttu ki Poori) बनाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो एकदम परफेक्ट, नरम और स्वादिष्ट पूड़ियां बनाई जा सकती हैं। आइए जानते हैं उन 5 गलतियों (Mistakes to Avoid with Kuttu ki Poori) के बारे में जो अक्सर कुट्टू की पूड़ी को बिगाड़ देती हैं।
बाइंडिंग एजेंट न मिलाना
यह सबसे बड़ी और सबसे आम गलती है। गेहूं के आटे में ग्लूटेन होता है जो आटे को बांधता है और लचीलापन देता है। कुट्टू के आटे में ग्लूटेन नहीं होता, इसलिए अगर आप इसे सिर्फ पानी से गूंथेंगे तो यह बिखरता रहेगा और पूड़ी बनाना नामुमकिन हो जाएगा। इसलिए कुट्टू की आटा गूंथते समय इसमें उबले हुए आलू या सिंघाड़े के आटे को थोड़ी मात्रा में मिलाएं। इससे आटा आसानी से गुंथ जाएगा और पूड़ियां अच्छी बनेंगी।
बहुत ज्यादा पानी मिलाना
कुट्टू का आटा पानी सोखने की क्षमता गेहूं के आटे से अलग होती है। ज्यादा पानी मिलाने से आटा बहुत चिपचिपा और नरम हो जाएगा, जिसे बेलना मुश्किल होगा। ऐसा आटा तेल में डालते ही फट सकता है या चिपक सकता है। इसलिए पानी धीरे-धीरे और थोड़ा-थोड़ा करके मिलाएं। आटा हल्का कड़ा रहेगा तो बेलने में आसानी होगी। आटा थोड़ा सख्त ही रहना चाहिए। अगर आटा चिपक रहा है तो उसमें थोड़ा और कुट्टू का आटा मिला दें।
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बहुत पतली पूड़ियां बेलना
गेहूं की पूड़ी पतली बेलने पर कुरकुरी होती है, लेकिन कुट्टू की पूड़ी अगर बहुत पतली बेल दी जाएगी तो वह सख्त और कड़क हो जाएगी। साथ ही, पतली पूड़ी फटने का खतरा भी ज्यादा रहता है। इसलिए कुट्टू की पूड़ी को मध्यम मोटाई में बेलें। यानी गेहूं की पूड़ी से थोड़ी मोटी। इससे पूड़ी तलने पर फूलेगी भी और अंदर से नरम भी रहेगी। बेलते समय थोड़ा सा तेल लगाकर बेलने से आटा चिपकता नहीं है।
तेल ज्यादा या कम गर्म करना
तेल का तापमान पूड़ी के परफेक्ट होने में अहम भूमिका निभाता है। तेल कम गर्म होने पर वह फूलती भी नहीं है। वहीं, तेल बहुत ज्यादा गर्म होने पर पूड़ी का बाहरी हिस्सा तुरंत जलने लगेगा, लेकिन अंदर का हिस्सा कच्चा रह जाएगा।
एक साथ बहुत सारी पूड़ियां तलना
कुट्टू की पूड़ियों को हमेशा एक बार में एक या दो ही तलनी चाहिए। एक साथ ज्यादा पूड़ियां डालने से वे एक-दूसरे से चिपक सकती हैं और वे सही से नहीं फूल पातीं। कड़ाही में इतना ही तेल लें कि पूड़ी उसमें आराम से तैर सके। एक बार में सिर्फ एक पूड़ी डालें। हल्के हाथों से उसे दबाएं ताकि वह अच्छे से फूल जाए। एक तरफ सुनहरी हो जाने के बाद ही दूसरी तरफ पलटें।
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