बेटे ने ही पिता को उतारा था मौत के घाट, दोस्त ने रची थी साजिश
जागरण संवाददाता, बांदा। नरैनी थाना के हड़हा गांव में जिस दिव्यांग किसान मंसूर खान की गोली मारकर घर के अंदर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने घटना का राजफाश कर दिया।
वारदात को जमीन व रुपयों के लालच के साथ पिता के पांचवीं शादी करने से नाराज होकर पुत्र मासूक खान ने अंजाम दिया था, जिसमें पिता के करीबी मित्र इकबाल हुसैन को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पिता के आरोपित मित्र ने ही घटना की साजिश रची थी। पुलिस ने दोनों हत्यारोपितों को पकड़ने के साथ घटना में इस्तेमाल तमंचा व कारतूस बरामद किए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह है पूरा मामला
हड़हा गावं में हत्या की घटना 26 सितंबर की रात करीब 1:30 बजे हुई थी। घटना के समय दिव्यांग किसान मंसूर खान अपने घर में सो रहे थे। तभी उन्हें गोली मार दी गई थी, जिससे मौके पर उनकी मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम में सीने में सटाकर दो फायर मारना मिला था। हालांकि गोली जांच में नहीं पायी गई थी।
दिवंगत हुए किसान के स्वजन ने शुरुआत में पुलिस को अज्ञात हमलावर का मामला बताया था। तहरीर भी किसान के हत्यारोपित बेटे मासूक ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध दी थी। लेकिन पुलिस की गहन जांच और वैज्ञानिक साक्ष्यों ने बेटे की कहानी पर संदेह खड़ा कर किया।
पूछताछ में मासूक टूट गया और पिता की हत्या करने की बात स्वीकार की। उसने बताया कि दादा की छह बीघा जमीन उसके नाम थी, लेकिन पिता ने उसका अधिकांश हिस्सा बेच दिया और रुपये हड़प लिए थे। ऊपर से पिता की ओर से पांचवीं शादी की तैयारी की जानकारी ने उसके गुस्से को और भड़का दिया था।
इसी बीच पिता के करीबी दोस्त इकबाल हुसैन ने भी उसे उकसाया। खुद भी जमीन न मिलने की खुन्नस पालने वाले इकबाल ने मासूक को तमंचा और कारतूस देकर पिता को रास्ते से हटाने की सलाह दी थी। इसके बाद मासूक ने पिता के सीने पर दो गोलियां दाग दीं।
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वारदात के बाद उसने बहन और पत्नी को सिखाया कि गवाही में अज्ञात हमलावर का नाम लें। पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने खुद भी अज्ञात लोगों के विरुद्ध यही बयानबाजी की थी।
एसपी पलाश बंसल के निर्देश में गठित पुलिस टीमों ने मासूक और इकबाल दोनों को गिरफ्तार कर आला कत्ल बरामद किया। गांव में वारदात के राजफाश होने के बाद से सनसनी फैली है। लोग हैरान हैं कि एक बेटा महज जमीन और रुपयों के लालच में अपने पिता का ही दुश्मन बन बैठा।
नवाबी शौक के लिए बेटे ने पिता का किया कत्ल
नरैनी थाना क्षेत्र के हड़हा गांव में दिव्यांग मंसूर खान की हत्या का कारण उसके बेटे का नवाबी शौक भी था। पुलिस ने बताया कि मंसूर खान के पास चल-अचल संपत्ति और परिवार के पहचान-पत्र व दस्तावेज थे। उसका बेटा खेती-बाड़ी में हाथ न बंटाकर महंगे शौक में व्यस्त था।
इस खर्च के लिए पिता पर उसे आश्रित रहना पड़ता था, जिससे वह पिता पर खफा रहता था। इसी नाराजगी में उसने अपने पिता की हत्या कर डाली, ताकि पिता की मृत्यु के बाद वह खुद इस संपत्ति का स्वामी बनाकर बिना रोक-टोंक के खर्च कर सके।
अंतिम संस्कार की रस्म के चलते दी थी ढ़ील
मंसूर खान हत्याकांड के पहले ही दिन पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल ने दिवंगत के पुत्र से बातचीत की थी। उसी बातचीत के दौरान बातों ही बातों में कुछ ऐसा झलक गया था कि एसपी को पुत्र पर शक हो गया था।
उन्होंने जांच टीम को इस इस दिशा पर जांच करने के आदेश दिए और एसपी का यह शक यकीन में भी बदल गया, जिसके बाद हत्यारोपित को पुलिस ने मंगलवार देर रात सोते समय उठाया और पूछताछ में उसने सच्चाई उगल दी।
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