deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

वायु प्रदूषण से दक्षिण एशिया में औसतन साढ़े तीन वर्ष कम हो रहा जीवन, कई देशों की GDP हो रही प्रभावित

cy520520 2025-11-22 10:07:22 views 555

  

वायु प्रदूषण से दक्षिण एशिया में औसतन साढ़े तीन वर्ष कम हो रहा जीवन (फोटो- रॉयटर)



शोभित श्रीवास्तव, जागरण, काठमांडू। सिंधु-गंगा मैदान व हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए विशेषज्ञों व नीति-निर्माताओं ने एकजुट होकर समाधान-आधारित क्षेत्रीय रोडमैप तैयार करने पर जोर दिया है।
कई देशों को जीडीपी में काफी नुकसान हो रहा है

इंटरनेशनल सेंटर फार इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (आइसीआइएमओडी) संस्था द्वारा आयोजित कार्यशाला में संस्था के वायु प्रदूषण विशेषज्ञ पार्थ सारथी महापात्र ने बताया कि दक्षिण एशिया में वायु प्रदूषण के कारण औसतन साढ़े तीन वर्ष जीवन कम हो रहा है। वहीं आर्थिक मोर्चे पर प्रदूषण से क्षेत्र के कई देशों को जीडीपी का 10.3 प्रतिशत तक नुकसान उठाना पड़ रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

समाधान अपनाने से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होगा बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं पर भारी वित्तीय बोझ भी कम होगा।दो दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा कि वायु प्रदूषण का नुकसान स्वास्थ्य के साथ अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है।
क्रियान्वयन योग्य समाधान अपनाने की जरूरत

स्वीकार किया गया कि वायु प्रदूषण को किसी एक देश के प्रयास से नियंत्रित नहीं किया जा सकता। साझा रणनीति, विज्ञान आधारित सहयोग और राजनीतिक इच्छाशक्ति ही इसके वास्तविक समाधान का रास्ता खोल सकती हैं।

कार्यशाला में वायु प्रदूषण के मॉनिटरिंग नेटवर्क, सामुदायिक भागीदारी व नवाचार को प्राथमिकता देने की जरूरत बताई गई। संस्था के रवि साहू ने स्पष्ट किया कि कार्यशाला के जरिये व्यावहारिक और क्रियान्वयन योग्य समाधान अपनाने की जरूरत है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना होगा

उदाहरण के तौर पर, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना, स्वच्छ ईंधन के चूल्हों का उपयोग बढ़ाना, औद्योगिक उत्सर्जन के मानक मजबूत करना, नगरों में कम-उत्सर्जन क्षेत्र विकसित करना और कृषि अपशिष्ट प्रबंधन को प्राथमिकता देना शामिल है।

विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि सिंधु-गंगा के मैदान और हिमालयी तलहटी में करीब दो अरब लोगों पर वायु प्रदूषण मापने के केवल 400 मॉनिटरिंग स्टेशन हैं। मॉनिटरिंग की भारी कमी, तकनीकी विशेषज्ञता का अभाव और डाटा का असंतुलन प्रभावी नीति-निर्माण में बड़ी बाधा है।
गेहूं की पैदावार में 36 प्रतिशत की कमी

इसलिए क्षेत्र में एक एकीकृत, मानकीकृत और विस्तृत मॉनिटरिंग नेटवर्क स्थापित करना प्राथमिकता होनी चाहिए। कार्यशाला में ब्लैक कार्बन और ओजोन पर तत्काल नियंत्रण की सलाह दी गई, क्योंकि ये तत्व जहां वायु गुणवत्ता बिगाड़ते हैं, वहीं गेहूं की पैदावार में 36 प्रतिशत की कमी कर रहे हैं। सर्दियों में 90 प्रतिशत दिनों तक कम दृश्यता और हिमालयी ग्लेशियरों के 39 प्रतिशत पिघलाव के भी जिम्मेदार हैं।
जलवायु परिवर्तन का असर ग्लेशियर पर भी पड़ रहा

संस्था के महानिदेशक पेमा ग्याम्त्शो ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का असर ग्लेशियर पर भी पड़ रहा है। संस्था के एयर लीड आशीष तिवारी ने कहा कि वायु प्रदूषण केवल विज्ञान की नहीं, संयुक्त प्रभाव और ठोस कार्रवाई की लड़ाई है। सीमापार सहयोग ही स्वच्छ हवा का एकमात्र वास्तविक समाधान है।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
122363