स्थानीय लोगों ने खराब मानिटरिंग पर नाराजगी जताई है और टैंकरों से साफ पानी की मांग की है।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के कई इलाकों में पीलिया फैलने की खबर है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसके लिए दूषित पानी को जिम्मेदार बताया है।
प्रभावित इलाकों में पाहनू, ट्रेंज़, तुरकावांगम, सेडोव, पहलिपोरा और शोपियां शहर के कुछ हिस्से शामिल हैं, जहां पिछले कुछ दिनों में दर्जनों मामले सामने आए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई मरीजों को बुखार, थकान और आंखों का पीलापन जैसी समस्याएं हो रही थीं, जिससे बीमारी फैलने की चिंता बढ़ गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डाक्टरों ने पुष्टि की कि दूषित पीने का पानी इस बीमारी का मुख्य कारण है। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कश्मीर बताया कि दूषित पानी का स्रोत पता लगाने के लिए स्थानीय जल आपूर्ति योजनाओं के सैंपल की जांच की जा रही है।
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पीलिया ज्यादातर पानी से फैलता है
अधिकारी ने कहा, पीलिया ज्यादातर पानी से फैलता है और शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि पीने के पानी की पाइपलाइन में सीवेज मिलने से यह फैल रहा है। दूषित पानी की सही जगह का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से पीने से पहले पानी उबालने, साफ-सफाई का ध्यान रखने और उल्टी, बुखार या पीलिया से संबंधित थकान जैसे लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी है।
लोगों ने खराब मानिटरिंग पर जताई नाराज़गी
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इधर जिले के स्थानीय लोगों ने पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग की खराब मानिटरिंग पर नाराज़गी जताई। तुरकावांगम गांव के एक व्यक्ति ने कहा, हम महीनों से पाइपलाइन में लीकेज और पानी के स्रोतों के पास गंदगी की शिकायत कर रहे थे, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब लोग बीमार हो रहे हैं।“
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जिला अस्पताल शोपियां के डॉक्टरों ने कहा कि अब तक सामने आए ज्यादातर मामले ठीक हो रहे हैं, लेकिन जब तक जल आपूर्ति प्रणाली की पूरी जांच और सफाई नहीं हो जाती, तब तक बीमारी फैलने का खतरा बना रहेगा।
स्कूलों में जाने वाले बच्चों के अभिभावक चिंतित
प्रभावित इलाकों में स्कूल खुले होने से बच्चों में पानी से फैलने वाले संक्रमण का खतरा ज्यादा होने के कारण माता-पिता चिंतित हैं। जिला सिविल सोसाइटी ग्रुप ने अधिकारियों से पाइपलाइन की सफाई होने तक टैंकरों से साफ पीने का पानी उपलब्ध कराने की अपील की है।
अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य और जल शक्ति विभाग की टीमें पानी के स्रोतों की सफाई और खराब पाइपलाइन की मरम्मत के लिए प्रभावित गांवों में भेजी गई हैं। रोकथाम के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य कर्मचारियों के सहयोग से अभियान भी शुरू किया गया है।
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