मजदूर का शव रखकर प्रदर्शन करते स्वजन व ग्रामीण।
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। प्रदेश के बालाघाट जिले में स्थित मलाजखंड ताम्र परियोजना की भूमिगत खदान हादसे में घायल मजदूर मंगलेश यादव की मौत के बाद बुधवार रात मलाजखंड क्षेत्र तनावग्रस्त हो गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन ने मजदूर की मौत को सात दिनों तक छिपाए रखा, जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर रातभर प्रदर्शन किया। देर रात तक सड़क पर चक्काजाम से वाहनों की आवाजाही ठप रही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भड़का गुस्सा
बुधवार शाम जब मंगलेश का शव रायपुर से मलाजखंड पहुंचा, तो प्रवेश द्वार पर ही परिजनों ने नारेबाजी शुरू कर दी। लोगों का आरोप था कि खदान हादसे में गंभीर रूप से घायल मंगलेश की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी, लेकिन डीजीएमएस (खदान सुरक्षा महानिदेशालय) की जांच पूरी होने तक मौत की खबर छिपाई गई।
प्रदर्शनकारियों ने मृतक के परिवार को 2 करोड़ रुपये मुआवजा, दुर्घटना की निष्पक्ष जांच और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग रखी।
कड़ाके की ठंड में रातभर प्रदर्शन
सर्द रात में मंगलेश का शव सड़क पर रखकर सैकड़ों ग्रामीण खुले आसमान के नीचे डटे रहे। आश्चर्यजनक रूप से घंटों बीतने के बाद भी न प्रशासन और न ही प्रबंधन का कोई ठोस आश्वासन मिला। तीन बार हुई मध्यस्थता—एसडीएम अर्पित गुप्ता और एसडीओपी अरविंद शाह भी समझाइश देने पहुंचे, लेकिन परिजन माने नहीं।
हादसा क्या था?
गौरतलब है कि 11 नवंबर को एसएमएस कंपनी के 27 मजदूरों को ले जा रही बस का ब्रेक फेल हो गया था। बस कई मीटर घिसटकर पलट गई थी। इस हादसे में अन्य मजदूरों के साथ मंगलेश भी गंभीर रूप से घायल हुआ था। उसे बेहतर इलाज के लिए भिलाई और फिर रायपुर रेफर किया गया था। बुधवार को मलाजखंड प्रबंधन ने मंगलेश की मौत की पुष्टि की, लेकिन परिजनों ने आरोप लगाया कि मंगलेश की मौत खदान में ही हो चुकी थी, फिर भी उसे सात दिनों तक जीवित बताया जाता रहा।
आश्वासन के बाद माने
गुरुवार सुबह प्रशासन, पुलिस और परियोजना प्रबंधन ने परिजनों को 57 लाख रुपये बीमा राशि, मृतक की पत्नी को नौकरी, पेंशन और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
मृतक मंगलेश यादव के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा राशि और अन्य लाभ दिए गए हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाया गया है। माइंस में सुरक्षा मानकों में सुधार को लेकर जो मांगें हैं, उन पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा। जहां कमी होगी, वहां सुधार किया जाएगा।
- प्रमोद कुमार, प्रतिनिधि, मलाजखंड ताम्र परियोजना |