जंगल से निकले झुंड ने गांव में जमाया डेरा
जागरण संवाददाता, राउरकेला। सुंदरगढ़ जिले के राउरकेला से सटे लाठीकटा ब्लॉक के येरगेड़ा गांव में मंगलवार की रात करीब 25 जंगली हाथियों का दल घुस आया। जो मंगलवार की रात से लेकर बुधवार दिन भर पास के जंगल में डेरा जमाए हुए थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अचानक हाथियों के गांव में पहुंचने से ग्रामीणों में भारी डर का माहौल बन गया और वे अपने घरों में छुपने को मजबूर हो गए। बताया जा रहा है कि ये हाथी जंगल से भोजन और पानी की तलाश में गांव की ओर आए हैं।
धान की फसल को नुकसान
ग्रामीणों के अनुसार हाथी देर रात से ही गांव के आसपास सक्रिय हैं। उन्होंने कई जगहों पर खेतों में लगी धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। बाड़ी और खेल में लगी सब्जी को खा कर और कुचल कर नष्ट कर दिया है। हाथियों के आतंक के कारण लोग देर रात तक जागते रहे और छतों पर चढ़कर उनकी हरकतें देखते रहे।
वन विभाग की टीम ने गांव में स्थिति पर काबू पाने के लिए लगातार प्रयास कर रही ही। उन्होंने ढोल-नगाड़े बजाकर और पटाखे फोड़कर हाथियों को जंगल की ओर भगाने की कोशिश की। लेकिन झुंड अभी भी गांव के नजदीकी जंगलों में डेरा डाले हुए है। इससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है कि वे फिर से रात में गांव में आ सकते हैं।agra-city-general,Agra News,Agra Latest News,Agra News in Hindi,Agra Samachar,acid attack survivor,compensation after 22 years,Naresh Paras advocate,acid attack case,Agra crime news,Sheeroes Hangout Cafe,Uttar Pradesh news
हर साल गांव आता है हाथियों का झुंड
गांव वाले इस स्थिति से खौफजदा हैं। उनका कहना है कि फसल पकने के समय हर साल हाथियों का झुंड गांव की ओर आता है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती है। वे वन विभाग से स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं। ताकि भविष्य में इस समस्या से बचा जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में भोजन और पानी की कमी के कारण हाथी बार-बार मानवीय बस्तियों की तरफ बढ़ रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए वन्य जीव और पर्यावरण संरक्षण के कड़े कदम उठाने आवश्यक हैं, ताकि गांव की सुरक्षा और प्राकृतिक संतुलन दोनों बनाए रखे जा सके।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले राउरकेला शहर के सटे तारकेरा देहूरी बस्ती में ब्राह्मणी नदी के पर कर 7 हाथियों के झुंड के आने की घटना हुई थी। जिससे वहां के लोग भयभीत थे। यह दिखाता है कि हाथी लगातार मानव आबादियों के करीब आ रहे हैं।
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