सांकेतिक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। सौजन्य- जागरण ग्राफिक्स
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में हर साल कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार 2013 के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम के तहत की गई शिकायतों बढ़ोतरी हो रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जो 2013-14 की 161 से बढ़कर 2022-23 में 1,160 हो गई है। है। हालांकि सच्चाई यह है कि यह संख्या वास्तविक घटनाओं से बहुत कम है। इस सब के बीच दिल्ली सरकार ने अपने सभी डीएम को निर्देश दिए हैं कि वे इस बात का सर्वे कराएं कि निर्धारित संख्या वाले कार्य स्थलों पर क्या ऐसे मामलों की जांच के लिए समितियां बनाई गई हैं। अगर समितियां नहीं बनाई गई हैं तो कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने जारी किया था आदेश
सरकार के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने कुछ समय पहले एक आदेश जारी किया था। जिसमें जिलाधिकारियों से यह सर्वेक्षण करने को कहा गया है कि शहर में निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के कितने संगठनों ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकने के लिए समितियां बनाई हैं, जो कि एक अनिवार्य कदम है।
इसके बाद अब श्रम विभाग ने अपने अधिकारियों से जिलावार संगठनों की सूची डीएम के साथ साझा करने को कहा है, जो समितियों के गठन की जांच के लिए सर्वेक्षण करेंगे। यह डेटा 10 दिनों के भीतर साझा किया जाना है।pilibhit-crime,police complaint,wedding rejection,Bisalpur,dowry harassment,crime report,suspicious death,assault case,FIR registered,domestic violence,Uttar Pradesh news,Uttar Pradesh news
यह कदम महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 19 सितंबर को श्रम आयुक्त को लिखे गए एक पत्र के बाद उठाया गया है, जिसमें कहा गया था कि जिला मजिस्ट्रेटों को पीओएसएच अधिनियम 2013 के कार्यान्वयन के लिए एक सर्वेक्षण करना आवश्यक है। 12 अगस्त, 2025 को, सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा छह सप्ताह के भीतर ऐसे सर्वेक्षण किए जाएं।
कार्यस्थल (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के अनुसार, 10 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ता को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों के समाधान के लिए एक आंतरिक शिकायत समिति (आइसीसी) का गठन सुनिश्चित करना होगा।
यह समिति, जिसकी अध्यक्षता एक वरिष्ठ महिला कर्मचारी करेगी, शिकायतों की जांच करने, उचित कार्रवाई की सिफारिश करने और पूरी प्रक्रिया के दौरान गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार होगी। यदि किसी कार्यस्थल पर कोई आंतरिक शिकायत समिति गठित नहीं की गई है, तो श्रम विभाग को कार्रवाई करनी होगी।
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