आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती नहीं की है
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक या आरबीआई (RBI MPC Meeting 2025) ने अपनी अक्टूबर मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में कटौती न करने का फैसला लिया है। इसका मतलब है कि रेपो रेट 5.5 फीसदी पर बरकरार रहेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बता दें कि साल 2025 में आरबीआई रेपो रेट में कुल मिलाकर 1 फीसदी की कटौती कर चुका है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (RBI Governor Sanjay Malhotra) ने अक्टूबर पॉलिसी की जानकारी देते हुए कहा कि आरबीआई का रुख \“न्यूट्रल\“ रहेगा।
लगातार दूसरी बार कोई बदलाव नहीं
फरवरी, अप्रैल और जून में कुल 100 बेसिस पॉइंट्स (1 फीसदी) की तीन कटौतियों के बाद रेपो रेट में लगातार दूसरी बार कोई बदलाव नहीं किया गया है। आरबीआई ने स्टैंडर्ड डिपॉजिट फैसिटी (एसडीएफ) रेट को 5.25% पर अपरिवर्तित रखा है। वहीं मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट 5.75% होगी।
जीएसटी रिफॉर्म्स से महंगाई पर क्या होगा असर
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि जीएसटी रिफॉर्म्स से महंगाई पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अगस्त की पॉलिसी के बाद से ग्रोथ-इंफ्लेशन डायनामिक्स बदल गई है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 26 के लिए औसत मुद्रास्फीति अनुमान को पहले के 3.1% से घटाकर 2.6% कर दिया है।ghaziabad-politics,Ghaziabad news,Samajwadi Party infighting,Jitu Sharma removal,Faisal Hussain allegations,Uttar Pradesh politics,Youth wing president,Akhilesh Yadav letter,BJP alliance आरोप,Party factionalism,Ghaziabad politics,Uttar Pradesh news
\“ब्याज दरों में कटौती के प्रभाव दिखने लगे\“
आरबीआई गवर्नर के अनुसार खाद्य कीमतों में भारी गिरावट के चलते ओवरऑल मुद्रास्फीति का आउटलुक ज्यादा बेहतर हो गया है। उन्होंने कहा है कि ब्याज दरों में कटौती के प्रभाव दिखने लगे हैं। टैरिफ सहित बाहरी अनिश्चितताओं से निर्यात वृद्धि धीमी पड़ सकती है और आउटलुक पर असर पड़ सकता है।
गवर्नर मल्होत्रा के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती जारी है और घरेलू रफ्तार दूसरी तिमाही में भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि एमपीसी अगले कदमों पर विचार करने से पहले हालिया नीतिगत कदमों के प्रभाव का इंतजार करना समझदारी भरा कदम मानती है।
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