राज्य ब्यूरो, पटना। भारत निर्वाचन आयोग ने पहली बार 72 घंटों के अंदर बिहार विधानसभा चुनाव का इंडेक्स कार्ड जारी कर दिया है। आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि विधानसभा चुनाव में किस राजनीतिक दल को कितना मत और कुल मतों का कितना प्रतिशत हासिल हुआ। हालांकि, इसमें चुनाव लड़ने वाले दलीय प्रत्याशियों की संख्या जारी नहीं की गई है और नहीं कुल डाए गए मतों का आंकड़ा जारी किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इंडेक्स कार्ड की रिपोर्ट के अनुसार दलों को प्राप्त मतों की संख्या भी दर्शाया गया है। आयोग ने विस्तार से अपनी उपलब्धियां भी गिनाई हैं। दावा किया है कि 1951 के बाद से बिहार में 67.13 प्रतिशत मतदान हुआ, जो सर्वाधिक है। यही नहीं, 1951 के बाद से बिहार में सर्वाधिक 71.78 प्रतिशत महिला मतदाताओं की भागीदारी रही।
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद 38 जिलों में से किसी भी मतदाता या 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से किसी ने भी गलत तरीके से मतदाता के सम्मिलित करने या हटाने करने के विरुद्ध अपील दायर नहीं की। पहली बार 2,616 उम्मीदवारों में से किसी ने भी पुनर्मतदान का अनुरोध नहीं किया। 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से किसी ने भी पुनर्मतदान का अनुरोध नहीं किया।
इंडेक्स कार्ड रिपोर्ट में कई आयामों जैसे उम्मीदवार, मतदाता, डाले गए वोट, गिनती किए गए वोट, पार्टी-वार और उम्मीदवार-वार डाले गए वोट आदि के आंकड़े सम्मिलित हैं। इंडेक्स कार्ड रिपोर्टों को दोनों प्लेटफार्मों यानी ईसीआईनेट एप और ईसीआई वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव में बने कई रिकॉर्ड
बिहार में मतदाता सूची त्रुटिहीन बनाने के लिए शून्य अपील के साथ विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया गया ताकि यह सुनिश्चित हो कि कोई भी पात्र मतदाता न छूटे, साथ ही कोई भी अपात्र व्यक्ति इसमें शामिल न हो।
बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) का पारिश्रमिक दोगुना किया गया, बूथ स्तरीय पर्यवेक्षकों और मतदान/मतगणना कर्मचारियों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, निगरानी टीमों और लघु स्तर पर तैनात पर्यवेक्षकों का पारिश्रमिक बढ़ाया गया। निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी और सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी के लिए पहली बार मानदेय बढ़ाया गया।
क्षेत्र स्तर पर पारदर्शिता बढ़ाने के लिए बूथ स्तरीय अधिकारी के लिए मानक फोटो पहचान पत्र। बिहार के बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को पहली बार भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान – आइआइआइडीईएम - दिल्ली में प्रशिक्षित किया गया।
बिहार में सभी राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तरीय एजेंटों – बीएलए को पहली बार आइआइआइडीईएम में मतदाता सूची तैयार करने में सहायता के विभिन्न पहलुओं का प्रशिक्षण दिया गया।
मतदाताओं की भीड़भाड़ कम करने के लिए प्रति मतदान केंद्र 1200 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की गई, साथ ही ऊंचे आवासीय परिसरों और सोसायटियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाए गए। मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल जमा कराने की सुविधा स्थापित की गई। मतदाता सूचना पर्चियों – वीआईएस - पर प्रमुखता से सीरियल और भाग संख्या प्रदर्शित की गई।
ईसीआईनेट ऐप पर मतदाताओं और मतदान कर्मचारियों के लिए सेवाएं प्रदान करने वाले महत्वपूर्ण माड्यूल सक्रिय किए गए। फॉर्म 17सी और ईवीएम डेटा के बीच मेल न होने की स्थिति में और जहां भी माक पोल डेटा गलती से मिटाया न गया, वहां अनिवार्य मतदाता पुष्टि पर्ची गणना के निर्देश दिए गए। डाक मतपत्रों की गणना के बाद ही ईवीएम/वीवीपीएटी की गणना का अंतिम से पहले का चरण आरंभ किया गया। |
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