सीबीआई अधिकारी बनकर पिता-पुत्री और दंपती को लिफ्ट देकर बनाया निशाना
जागरण संवाददाता, पलवल। पलवल जिले में सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों को लूटने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है। इस गिरोह ने कुछ ही घंटों के अंदर दो वारदात को अंजाम दिया है। आरोपितों ने पिता-पुत्री और दंपती को लिफ्ट देकर नकदी और आभूषण लूट लिए। कैंप थाना पुलिस ने दोनों ही मामलों में मुकदमे दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पहले मामले में अलीगढ़ के खैर के रहने वाले सतवीर सिंह ने बताया कि वह 28 सितंबर की सुबह अपनी पत्नी भूरी देवी के साथ हसनपुर जाने के लिए निकले थे। जट्टारी से यूपी रोडवेज की बस से वे पलवल के केएमपी कट पर उतरे और पुल के नीचे खड़े थे। तभी एक अज्ञात व्यक्ति, जिसने खुद को सैनिक बताया, उनसे हसनपुर जाने के बारे में पूछा।
कुछ देर बाद एक कार आई, जिसमें दो अन्य लोग पहले से सवार थे। कार सवार लोगों ने कहा कि वह हसनपुर जा रहे हैं। इसके बाद सतवीर, उनकी पत्नी और खुद को सैनिक बताने वाला युवक उस कार में बैठ गए।
कार में सवार होने के बाद, कार सवार लोगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि वे एक बड़ी छानबीन के लिए जा रहे हैं। उन्होंने दंपति को धमकाया और एक लिफाफा देकर उसमें उनके पास मौजूद नकदी और आभूषण रखने को कहा। दंपति ने लिफाफे में 20 हजार नकद और छह ग्राम के सोने के कुंडल रख दिए।
बदमाशों ने दंपती को राष्ट्रीय राजमार्ग-19 स्थित बामनीखेड़ा फ्लाईओवर के ऊपर उतार दिया। उतरते समय, बदमाशों ने उन्हें दूसरा लिफाफा थमा दिया और फरार हो गए। जब दंपति ने लिफाफा खोलकर देखा, तो उसमें नकदी और आभूषण की जगह कागज थे।panchkoola-state,news,wife murder case,advocate life imprisonment,panchkula murder,premeditated murder,crime news,court verdict,murder conspiracy,evidence tampering,life imprisonment,news,Haryana news
दूसरे मामले में हसनपुर थाना अंतर्गत करीमपुर गांव के रहने वाले 62 वर्षीय रामप्रसाद ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 28 सितंबर की सुबह वह अपनी बेटी सुमन के साथ कालकाजी (दिल्ली) से लौटकर रसूलपुर चौक पर गांव जाने के लिए सवारी का इंतजार कर रहे थे। तभी एक सफेद रंग की कार आई, जिसमें दो अफसर जैसे लोग बैठे थे। उन्होंने रामप्रसाद से कुशक का रास्ता पूछा।
इसी दौरान, चौक से एक तीसरा व्यक्ति आया और कहा कि उसे भी कुशक जाना है। बदमाशों ने रामप्रसाद और उनकी बेटी से पूछा कि वे कहां जाएंगे, जिस पर रामप्रसाद ने कुशक जाने की बात कही। बदमाशों ने बाप-बेटी को कार में बैठा लिया और कहा कि उन्हें थाने में कुछ काम है। रसूलपुर चौक से बिठाकर वे कार को आगरा चौक की तरफ ले जाने लगे।
कार में बैठे एक बदमाश ने रामप्रसाद को एक लिफाफा दिया और कहा कि जो भी पैसा और जेवर है, इसमें रख दो। इसके बाद बुजुर्ग ने लिफाफे में 25 हजार नकद और आभूषण रख दिए। इसके बाद बदमाशों ने कार को आगरा चौक से घुमाया और वापस रसूलपुर चौक पर रामप्रसाद और उनकी बेटी को उतार दिया।
रामप्रसाद को गाड़ी से उतरने के बाद भी कुछ देर तक यह ध्यान नहीं आया कि उनके साथ क्या हुआ है। जैसे ही गाड़ी तेजी से चली गई, रामप्रसाद को होश आया और उन्हें पता चला कि बदमाश उनके पैसे और आभूषण लेकर फरार हो गए हैं।
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