जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। कामगारों के आवास के लिए यमुना प्राधिकरण अभी तक भूखंड योजना नहीं निकाल पाया है। प्राधिकरण बोर्ड की 85वीं बैठक में 30 वर्गमीटर के भूखंड की योजना पर स्वीकृति मिलने के बाद यीडा अधिकारियों ने दावा किया था कि योजना के नियम शर्तें की जाएंगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके बाद योजना निकाली जाएगी, लेकिन कई माह बीतने के बावजूद अभी तक यीडा योजना निकालने को लेकर कोई फैसला नहीं कर पाया है। अब 30 वर्गमीटर की बजाए 40 या 50 वर्गमीटर के भूखंड योजना में शामिल होने पर मंथन चल रहा है। यमुना प्राधिकरण में औद्योगिक इकाइयां क्रियाशील होना शुरू हो चुकी है। 15 इकाई क्रियाशील हो चुकी हैं।
मार्च तक 100 और इकाइयों के क्रियाशील होने का दावा है। औद्योगिक इकाइयों शुरू होने कामगारों की संख्या बढ़ने के साथ उनकी आवास की जरूरत बढ़ेगी। इसके अलावा आवासीय सेक्टरों में बसावट के साथ ही रेहड़ी पटरी समेत अन्य कामगारों के लिए भी आवास की जरूरत होगी। इस जरूरत को पूरा करने के लिए अवैध कालोनी विकसित न हो पाएं, प्राधिकरण ने 30 वर्गमीटर की 4288 भूखंड योजना लाने का फैसला किया था।
85 वीं बोर्ड बैठक में इसे स्वीकृति देते हुए सेक्टर 17, 18 व 20 में योजना के लिए भूखंड नियोजित करने और योजना में आवेदन के लिए नियम शर्तों, जिसमें आय से संबंधित सीमा तय होनी थी। लेकिन प्राधिकरण अब तक इस पर कोई पहल नहीं कर पाया है। यीडा सीईओ राकेश कुमार सिंह का कहना है कि भूखंडों के आकार को लेकर मंथन किया जा रहा है। 30 वर्गमीटर के भूखंड का आकार कम होने को देखते हुए 40 या 50 वर्गमीटर आकार रखने पर भी मंथन हो रहा है। इस पर अंतिम निर्णय होने के बाद योजना निकाली जाएगी।
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