प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई फाइल फोटो। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, शिमला। सुक्खू सरकार सड़कों, पुलों, ग्रामीण पेयजल-सीवेज परियोजनाओं के निर्माण और सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ बाढ़ सुरक्षा कार्यों पर 419 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है।
विकास कार्यों के लिए आरआईडीएफ के तहत नाबार्ड ने इस राशि को वित्तीय ऋण के रूप में मंजूरी दी है। सभी सरकारी विभागों को अपने-अपने विभागों में स्वीकृत परियोजनाओं का प्रशासनिक अनुमोदन कर 30 दिन के भीतर नाबार्ड को भेजना अनिवार्य होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्यमंत्री के निर्देश पर योजना विभाग ने नाबार्ड के लिए सभी विधायकों से सड़कों, पुलों, पेयजल योजनाओं, सीवेज परियोजनाओं, बाढ़ प्रोटेक्शन कार्यों और छोटी सिंचाई योजनाओं से संबंधित प्राथमिकताएं मांगी थीं। विधायकों की प्राथमिकता के अनुसार योजना विभाग ने नाबार्ड से बजट का प्रविधान करवाया है।
इस बजट में सात जिलों की 20 ग्रामीण सड़कों के निर्माण, सुदृढ़ीकरण और सुधारीकरण पर 171 करोड़ रुपये, पांच जिलों में पांच आरसीसी पुलों के निर्माण पर 47 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
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तीन जिलों की सात ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं पर 83 करोड़ रुपये, किन्नौर जिले के सुन्नम गांव में सीवेज सिस्टम पर 8.72 करोड़ रुपये, कांगड़ा जिले के रैत ब्लाक में बाढ़ प्रोटेक्शन कार्य पर 4.91 करोड़ रुपये और पांच जिलों की नौ माइनर इरिगेशन परियोजनाओं पर 104 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इन विकास खंडों में चकाचक होंगी सड़कें
शिमला जिला के ठियोग, मशोबरा, टिक्कर व बसंतपुर, किन्नौर जिला के कल्पा, कुल्लू जिला के कुल्लू व बंजार, ऊना जिला के ऊना, हरोली मंडी जिला के मंडी व धर्मपुर, हमीरपुर के सुजानपुर व भोरंज विकास खंड में 20 ग्रामीण सड़कों का कायाकल्प किया जाएगा।
यहां बनेंगे आरसीसी पुल
शिमला के चौपाल, कुल्लू के मनाली, लाहुल-स्पीति के उदयपुर, ऊना के भरवाईं व सिरमौर जिला के पच्छाद में आरसीसी पुल बनेंगे।
ग्रामीण पेयजल योजनाओं पर यहां खर्च होगा पैसा
कांगड़ा जिला के इंदौरा, देहरा, सोलन के बद्दी, ऊना के ऊना व बंगाणा में सात ग्रामीण पेयजल योजनाओं के निर्माण, सुदृढ़ीकरण व सुधारीकरण पर राशि खर्च की जाएगी।
माइनर इरिगेशन परियोजनाएं चंबा जिला के भटियात, सिंहुता, चंबा, कांगड़ा के कांगड़ा व परागपुर, सोलन के नालागढ़, कसौली, ऊना के हरोली व लाहुल स्पीति के लाहुल में बनेंगी व सुदृढ़ की जाएंगी।
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