बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन हुआ हिंसक, तीन की मौत।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश के खगराछारी में एक जातीय अल्पसंख्यक समुदाय की लड़की के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के विरोध में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कम से कम तीन लोग मारे गए।
रविवार को विरोध प्रदर्शन तेज होने के बाद कई सड़कों पर यातायात रोक दिया गया और खगराचारी में अतिरिक्त बल तैनात किया गया। इसके अलावा, बांग्लादेशी सेना को भी क्षेत्र में तैनात किया गया। बांग्लादेश सेना ने 27 और 28 सितंबर को हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्या कहा बांग्लादेशी सेना ने?
बांग्लादेश सेना के बयान के अनुसार, “नाकाबंदी के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने गश्त कर रहे सैन्य कर्मियों पर कथित तौर पर पत्थर और ईंटें फेंकी, जिससे तीन सैनिक घायल हो गए। उकसावे के बावजूद, सेना ने बल प्रयोग से परहेज करते हुए संयम, धैर्य और मानवता के साथ जवाब दिया।“
क्या है मामला?
खगराछारी में अल्पसंख्यक मरमा समुदाय की एक स्कूली छात्रा के साथ बलात्कार की घटना के बाद 23 सितंबर की रात को विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। चटगांव पहाड़ी इलाकों में कई दिनों तक अशांति जारी रही। मरमा और मोग समुदायों के प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि क्षेत्र के मूल निवासियों के घरों को जला दिया गया।
नवगठित छात्र पार्टी नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) के नेता अलिक म्री ने अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि वह उस संगठन के साथ बने रहने के लिए अनिच्छुक हैं, जो विरोध प्रदर्शनों पर चुप रहा। बांग्लादेश सेना ने चटगांव पहाड़ी क्षेत्र के राजनीतिक दलों और जातीय समूहों से संयम बरतने और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बहाल करने में कानून प्रवर्तन और सेना का सहयोग करने का आग्रह किया है।
बांग्लादेश सेना ने कहा, “क्षेत्र में सांप्रदायिक अशांति और अस्थिरता पैदा करने के लिए जानबूझकर विभिन्न घटनाओं का दुरुपयोग किया गया, जो एक बड़ी साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।“
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