नए इमरजेंसी को चालू करने में बाधा बनेगी मैनपावर
जागरण संवाददाता, पटना। इमरजेंसी को चालू करने में आवश्यक वार्ड अटेंडेंट, स्ट्रेचर, नर्सिंग कर्मी एवं अन्य संसाधनों के लिए भी मैनपावर पावर की जरूरत होगी। पीएमसीएच में तैयार की गई नई अत्याधुनिक इमरजेंसी यूनिट अब भी शुरू नहीं हो सकी है। इसकी सबसे बड़ी वजह मैनपावर की कमी बताई जा रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बताया जाता है कि इमरजेंसी को सुचारू रूप से शुरू करने के लिए वार्ड अटेंडेंट, स्ट्रेचर बियरर, नर्सिंग स्टाफ और तकनीकी कर्मियों की बड़ी संख्या में आवश्यकता है, लेकिन फिलहाल अस्पताल प्रशासन के पास पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध नहीं है। इस अत्याधुनिक इमरजेंसी में आक्सीजनयुक्त बेड, मानिटरिंग सिस्टम और ओटी की सुविधा उपलब्ध हो भी जाएं, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण ये सुविधाएं फिलहाल उपयोग में नहीं लाई जा सकतीं।
मई महीने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएमसीएच पुर्नविकास परियोजना के तहत विश्वस्तरीय अस्पताल भवन के पहले फेज का शुभारंभ किया था। इसमें एक भवन में विभिन्न विभागों के ओपीडी का संचालन आरंभ हो चुका है, लेकिन हैंडओवर नहीं होने के कारण नए इमरजेंसी भवन का संचालन आरंभ नहीं हुआा है।lucknow-city-general,Lucknow News,Lucknow Latest News,Lucknow News in Hindi,Lucknow Samachar,Prime Minister Narendra Modi, Chief Minister Yogi Adityanath, One India, Best India, 17th Tribal Youth Exchange,Uttar Pradesh news
पीएमसीएच अधीक्षक डा. आइएस ठाकुर ने बताया कि नए इमरजेंसी भवन अभी हैंडओवर नहीं हुआ है। यदि हैंडओवर भी होता है तो बीएमएससीआइएल को ही तय करना होगा कि मैनपावर की आपूर्ति कैसे होगी। क्योंकि, यदि पीएमसीएच के स्तर से यह होगा तो इसमें टेंडर व अन्य प्रक्रिया करने में समय लगेगा।
100 बेड का है मेडिसीन इमरजेंसी
नए भवन में एक सौ बेड के मेडिसीन इमरजेंसी में मरीजों के लिए 65 आइसीयू, 44 पोस्ट आइसीयू की सुविधा दी जानी है। इसके अतिरिक्त 22 अत्याधुनिक आपरेशन थिएटर भी बनाएं गए है। इसके अतिरिक्त नए दो टावरों में बच्चों की आइसीयू नीकू, पीकू, कार्डियोलाजी, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, शिशु, आंख, ईएनटी, मेडिसीन, पीएसएम सहित अन्य सभी विभाग की सुविधा होनी है।
वर्तमान में यहां करीब 10 एक दर्जन विभागों के ओपीडी को शिफ्ट किया जा चुका है। पीएमसीएच का पुनर्विकास 5540 करोड़ की लागत से किया जा रहा है, इसके तहत 5462 बेड बनाया जाना है। तीसरे फेज के भवनों का निर्माण प्रक्रिया भी जल्द यहां आरंभ होना है। इसमें टाटा वार्ड, हथुआ वार्ड, स्त्री एवं प्रसूति विभाग के वर्तमान भवन को तोड़कर यहां नया बहुमंजिला भवन तैयार किया जाना है।
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