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अब तक 8 देशों में युवाओं ने दिखाई अपनी ताकत, नेपाल के बाद पेरू में Gen Z का ताबड़तोड़ प्रदर्शन_deltin51

Chikheang 2025-9-29 23:36:32 views 1238

  Gen Z का वैश्विक प्रदर्शन नेपाल से पेरू तक युवाओं का आक्रोश (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)





डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल में पिछले दिनों वहां के युवा (Gen Z) ने देश की सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन का स्तर इस प्रकार का था कि केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

नेपाल की सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया था, जिसके बाद Gen Z भड़क उठे थे और देशभर में प्रदर्शन करने के बाद सरकारी कार्यालयों तक में तोड़फोड़ की थी। आखिरकार सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था और फिर सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है।


पेरू में क्यों शुरू हुआ आंदोलन

इस साल कई देशों में Gen Z का प्रदर्शन देखने को मिला। शुरुआत इंडोनेशिया से हुई थी और अब पेरू में युवाओं ने मोर्चा संभाला है। 27 सितंबर को पूरू की राजधानी लीमा में हजारों युवाओं ने राष्ट्रपति दीना बोलुआर्ते के खिलाफ नारेबाजी और विरेध प्रदर्शन किया।

इस प्रदर्शन में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया, जिसके जवाब में युवाओं ने पथराव किया। दरअसल, ये विरोध 20 सितंबर को पेंशन प्रणाली में किए गए बदलावों के बाद शुरू हुए।ludhiana-state,Ludhiana news,shop owner suicide,property deal dispute,Ludhiana crime news,Punjab news,financial pressure,police investigation,suicide case,Guribinder singh,Sarvajeet Kaur,Punjab news   



नए नियम के अनुसार, पेरू में 18 साल से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को किसी ने किसी पेंशन कंपनी से जुड़ना होगा। इसके अलावा राष्ट्रपति बोलुआर्ते और संसद के खिलाफ लंबे समय से जनता में असंतोष बना हुआ है।
अब तक किन-किन देशों में हुआ Gen Z प्रदर्शन?

इसी साल 31 अगस्त से लेकर 1 सितंबर के बीच इंडोनेशिया में युवाओं ने सांसदों के बढ़े भत्ते के खिलाफ आंदोलन किया था। इस प्रदर्शन में 8 लोगों की मौत हो गई थी। आंदोलन के बाद दबाव में राष्ट्रपति प्रबोवो ने आवास भत्ते का फैसला रोक दिया था।



1 सितंबर को नीदरलैंड में भी युवाओं ने आंदोलन किया था। इजरायल की मदद करने की बात को लेकर युवाओं का गुस्सा फूटा था। प्रदर्शन के बाद सरकार ने नीति बदलने का वादा किया था।

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