दुर्गा पूजा पर कोयलांचल में महा-कारोबार। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, धनबाद। कोयलांचल में दुर्गा पूजा का उत्साह इस बार केवल भक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने बाजार में 24 करोड़ रुपये से अधिक के महा-कारोबार का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
पंडाल निर्माण और लाइटिंग से लेकर कपड़ा, ज्वेलरी और फ़ुटपाथ के छोटे कारोबार तक हर सेक्टर में जबरदस्त रौनक है। कोयलाकर्मियों को मिले बोनस के कारण ग्राहकों की जेब में पैसा है, जिसने अगले तीन दिनों में कारोबार को रिकार्ड स्तर पर पहुंचाने की उम्मीद जगा दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बाजार में सबसे ज्यादा चहल-पहल कपड़ा, फैशन, ज्वेलरी, इलेक्ट्रानिक्स और मोबाइल की दुकानों पर है। कपड़ा व्यवसायी रमेश गुप्ता और श्रीकांत अग्रवाल के साथ एक बड़े माल के सेल्स मैनेजर की खुशी का ठिकाना नहीं है।
उन्होंने बताया बीते कई महीनों की कमी इस बार पूरी होती दिख रही है। युवा खासकर फैशन और ब्रांडेड कपड़ों की मांग कर रहे हैं।
हालांकि आनलाइन मार्केट से चिंता जरूर है, लेकिन त्योहार में लोग छूकर और देखकर ही खरीदारी करना पसंद करते हैं, जिसका फायदा हमें मिल रहा है। कपड़ा सेक्टर में इस पूजा पर चार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है।
उधर बैंक मोड़ के चेतन आर्नामेंट्स के संचालक व जिला चेंबर के अध्यक्ष चेतन गोयंका कहते हैं इस बार सोने और चांदी की अच्छी बिक्री हो रही है। लोग शुभ मानते हुए छोटी-मोटी खरीदारी शुरू कर चुके हैं।
ग्राहक अभी से ही हमें नए-नए डिजाइन के आभूषण बनाने का आर्डर दे रहे हैं। उम्मीद है कि धनतेरस के आते-आते यह कारोबार और बढ़ेगा।
अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट
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पूजा ने हजारों लोगों को स्थायी और अस्थायी रोजगार दिया है, जिससे अर्थव्यवस्था को बड़ी तेजी मिली है। धनबाद जिला डेकोरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार रंजन ने बताया कि जिले में लगभग 293 पंडालों के निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है।
उन्होंने कहा हमारे एसोसिएशन के सदस्यों समेत हजारों मजदूर और कारीगरों को अच्छा काम मिला है। इस साल जिले भर में छोटे-बड़े सभी पंडालों से लगभग पंद्रह करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है।
वहीं पंडालों की रंग-बिरंगी लाइटिंग का काम देखने वाले दिनेश कुमार बताते हैं पूजा के समय डिमांड इतनी बढ़ जाती है कि 24 घंटे काम करना पड़ रहा है।
पंडालों की आकर्षक लाइटिंग ही तो मुख्य आकर्षण होती है और इसी से हमारे जैसे हजारों इलेक्ट्रिशियन व लाइटिंग वालों को अच्छी कमाई होती है।
छोटा-बड़ा हर कारोबार हो रहा लाभान्वित
उन्होंने बताया कि पूजा के सभी छोटे-बड़े पंडालों में तकरीबन पांच करोड़ रुपये की लाइट का कारोबार हुआ है। मुख्य बाजार के अलावा पूजा समितियों के पास और पंडालों के आस-पास लगे हजारों ठेले और खोमचे भी इस रौनक में भागीदार हैं।
बैंक मोड़ के पास चाट का ठेला लगाने वाले कुंदन कुमार कहते हैं चार दिनों की पूजा ही हमारी साल भर की कमाई का बड़ा हिस्सा होती है। पूजा समितियां हमें जगह देती हैं और भीड़ के चलते बिक्री बहुत अच्छी होती है। पंडाल घूमने के बाद लोग फूड खाना पसंद करते हैं जिससे हमारा कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है।
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