Trade War: अमेरिका में कारोबार बचाने के लिए डिस्काउंट पर काम करेंगी पंजाब की कंपनियां, सरकार से मदद की उम्मीद_deltin51

Chikheang 2025-9-29 09:36:08 views 1250
  प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)





मुनीश शर्मा, लुधियाना। अमेरिका में चल रहे ट्रेड वार ने पंजाब की औद्योगिक इकाइयों के लिए एक बड़ी चुनौती उत्पन्न कर दी है। अमेरिकी सरकार द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण पंजाब से अमेरिका निर्यात होने वाले कई उत्पाद महंगे हो गए हैं, जिससे ग्राहकों का रुख बदलने का खतरा बढ़ गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस चुनौती का सामना करने के लिए पंजाब और अमेरिका के व्यापारी एक अस्थायी समझौते पर पहुंच रहे हैं। इस समझौते के तहत, पंजाब के औद्योगिक क्षेत्रों से अमेरिका भेजे जाने वाले उत्पादों पर तीन महीने के लिए 10 से 15 प्रतिशत तक का डिस्काउंट दिया जाएगा।



यह डिस्काउंट का बोझ पंजाब के व्यापारी उठाएंगे, जबकि टैरिफ के कारण बढ़ी हुई लागत को अमेरिकी व्यापारी संभालेंगे। यह समझौता दोनों देशों के ग्राहकों को बनाए रखने में मदद करेगा।

पैरामाउंट इंपैक्स के सीएमडी राकेश कपूर ने कहा कि पिछले 25 वर्षों से ट्रैक्टर और ट्रेलर पार्ट्स का अमेरिका में निर्यात करने के बाद, टैरिफ लगने से कीमतें बढ़ गई हैं। यदि हम यह बोझ सीधे ग्राहकों पर डालते, तो वे अन्य देशों का रुख कर लेते। इसलिए डिस्काउंट देना मजबूरी और रणनीति दोनों है।



अमेरिका में भारतीय उत्पादों की मांग काफी अधिक है। अमेरिका से हमारे ग्राहक स्थिति को देखते हुए कुछ समय के लिए डिस्काउंट की मांग कर रहे हैं। इसके लिए कई कंपनियों से उन्होंने ऑर्डर ले लिए हैं।

यदि इस दौरान टैरिफ में कोई बदलाव आता है, तो इसे तुरंत रिव्यू किया जाएगा। इससे दोनों का कारोबार भविष्य के लिए और मजबूत हो जाएगा।patna-city-politics,Patna City news, Jan Suraj Party, Rajesh Singh Kushwaha, Prashant Kishor, Bihar politics, JDU leader joins Jaspua, Political realignment Bihar, Dumraon assembly, Bihar political news, Jan Suraj Party expansion,Bihar news   
अदालत के फैसले पर टिकी उम्मीदें

अमेरिका के कारोबारी संगठनों ने ट्रंप सरकार के टैरिफ फैसले को अदालत में चुनौती दी है। लोअर और फेडरल अदालतों ने ट्रंप के फैसले को संविधान या कानून की सीमाओं से बाहर बताया है। अब यह मामला अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है।



व्यापारियों का कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि अदालत का फैसला उनके पक्ष में आएगा। यदि ऐसा होता है, तो उत्पादों की कीमतें फिर से सामान्य स्तर पर आ जाएंगी और छूट की आवश्यकता नहीं रहेगी।

लेकिन अदालत के निर्णय आने तक तीन महीने का यह समझौता ग्राहकों को बनाए रखने का सहारा बनेगा।
अभी यह स्थाई हल नहीं

हालांकि, पंजाब के उद्योगपतियों का मानना है कि यह राहत अस्थायी है। यदि लंबे समय तक टैरिफ बरकरार रहे, तो उन्हें नई रणनीतियां बनानी होंगी। निर्यातकों का कहना है कि सरकार को भी इस स्थिति में दखल देना चाहिए ताकि भारतीय उद्योग अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा में टिके रह सके।



यदि फैसला सकारात्मक रहा, तो व्यापार सामान्य हो जाएगा, लेकिन नकारात्मक स्थिति में उद्योग पर गहरा असर पड़ सकता है। डिस्काउंट माडल के जरिए वे अपने कारोबार को बचाए रखने के साथ-साथ भविष्य के लिए उम्मीद भी जिंदा रखे हुए हैं।
पंजाब से अमेरिका को होने वाला एक्सपोर्ट

  • परिधान -- 8 हजार करोड़ रुपये
  • फास्टनर -- 2 हजार करोड़ रुपये
  • इलेक्ट्रिकल मशीन टूल -- 5 हजार करोड़ रुपये
  • ऑटो पार्ट्स एवं हैंडटूल -- 4 हजार करोड़ रुपये
  • चमड़ा उत्पाद -- 500 करोड़ रुपये
  • कृषि उपकरण -- 200 करोड़ रुपये




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