मॉकड्रिल का संचालन डीडीयू मंडल के संरक्षा विभाग द्वारा समन्वित रूप से किया गया।
जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली)। पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के डीडीयू जंक्शन यार्ड में सोमवार को मॉकड्रिल के माध्यम से रेल दुर्घटना से निपटने की जांची गई तैयारी। पूर्व नियोजित आपदा प्रबंधन अभ्यास का सफल आयोजन किया गया।
डीडीयू जंक्शन यार्ड स्थित क्रेन साइडिंग पर इस अभ्यास का उद्देश्य रेल दुर्घटना जैसी आकस्मिक परिस्थितियों में विभागीय समन्वय, त्वरित राहत कार्य और संसाधनों की कार्यक्षमता की वास्तविक परख करना था।
मॉकड्रिल के अंतर्गत पैसेंजर गाड़ी के पटरी से उतरने की सूचना दोपहर 12:18 बजे प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही संबंधित विभागों द्वारा राहत कार्यों की त्वरित शुरुआत की गई। दुर्घटना राहत के लिए सभी संसाधन सक्रिय कर दिए गए। सभी गतिविधियाँ पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार संचालित की गईं और अभ्यास को 13:50 बजे औपचारिक रूप से समाप्त घोषित किया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मॉकड्रिल का संचालन डीडीयू मंडल के संरक्षा विभाग द्वारा समन्वित रूप से किया गया, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, रेलवे के सभी प्रमुख विभागों जैसे संरक्षा, सुरक्षा, परिचालन, यांत्रिक, सिविल व विद्युत इंजीनियरिंग, वाणिज्य, सिग्नल एवं दूरसंचार, चिकित्सा आदि की सक्रिय भागीदारी रही। इसके अतिरिक्त, जिला प्रशासन और अन्य संबद्ध एजेंसियों ने भी अभ्यास में सहयोग प्रदान किया।
एनडीआरएफ की टीम ने मॉक घायलों की खोज, बचाव और स्ट्रेचर पर परिवहन का प्रदर्शन किया।चिकित्सा इकाई ने प्राथमिक उपचार प्रदान किया। आरपीएफ और जीआरपी ने भीड़ प्रबंधन और स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित की। रेलवे के संबंधित विभागों की टीम द्वारा ट्रेन को पटरी पर लाकर परिचालन बहाल किया गया।
सभी विभागों ने संचार, नियंत्रण, रिपोर्टिंग और निर्णय प्रणाली की सजीव परीक्षा दी। मंडल मुख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष से भी स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही थी। अभ्यास के दौरान मंडल रेल प्रबंधक उदय सिंह मीना, अपर मंडल रेल प्रबंधक दिलीप कुमार सहित सभी प्रमुख विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे और उन्होंने राहत कार्यों की निगरानी की।
यह अभ्यास डीडीयू मंडल की आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मंडल भविष्य में भी इस प्रकार के समन्वित अभ्यास करता रहेगा ताकि यात्रियों की सुरक्षा और सेवा में निरंतर सुधार सुनिश्चित किया जा सके। |